जयपुर। विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिया ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि पाकिस्तान के साथ शाल, साडी, आम भेजने और शेकहैंड की राजनीति बंद की जानी चाहिए।
दुख की बात है कि हम 60 साल बाद भी पाकिस्तान को समझ नहीं पाए है और हमारी विदेश नीति पाकिस्तान के मामले में विफल साबित हुई है। तोगडि़या ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गुरदासपुर में जो कुछ हुआ,उसके बाद पूरे देश में गुस्सा है। ऐसे में हमें पाकिस्तान के साथ वार्ता के सारे प्रयास बंद कर ठोस कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी दाउद इब्राहीम जैसे लोगों को पकड कर भारत लाएंगे और फांसी दिलाएंगे, लेकिन ऐसा नही हुआ। पाकिस्तान को सबक सिखाने के मामले में तोगडिया ने इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि एक ही नेता थी, जिन्होंने हिम्मत दिखाई और पाकिस्तान के दो टुकडे कर दिए।
प्रधानमंत्री मोदी को अपने काम से खुद को साबित करना है क्योंकि वे अब सत्ता में हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में हमें बर्मा में की गई कार्यवाही जैसा ही कुछ करना चाहिए। जब अमेरिका लादेन के मामले में पाकिस्तान में घुस कर कार्रवाई कर सकता है तो हम दाउद और अजहर महमूद जैसे लोगों को पकड कर क्येां नहीं ला सकते।
उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी हथियारों के साथ देष की सीमा पार कर गुरदासपुर तक कैसे पहुंच गए यह बहुत बडा सवाल है और ये गुरदासपुर तक आ गए हैं तो अब दिल्ली ज्यादा दूर नहीं है। इस मामले में उन्हें जरूर कोई स्थानीय सहयोग मिला है और यह सहयोग किसने दिया, इसकी जांच जरूर होनी चाहिए।
याकूब मेमन की फांसी रोकने की मांग करने वालों के बारे में तोगडिया ने कहा कि जो लोग अदालत में आरोप तय होने के बाद भी आतंकवादी की फांसी रोकने की मांग कर रहे है वे एक तरह से आतंकवाद को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हमें ऐेसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए।
इस मामले में ट्वीट करने वाले ओवेसी और सलमान खान के बारे में उन्होंने कहा कि इन्होंने गद्दारी की है और ओवेसी ने यह तय कर दिया कि आतंकवाद का भी एक मजहब होता है। ऐसे लोगों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। जम्मू कश्मीर के मामले में उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में वहां हालात बहुत बिगडे हैं और ऐसा लग रहा है कि आतंकवाद को समर्थन देने वाली सरकार चल रही है।
जयपुर में मंदिर तोडने के मामले में उन्होने कहा कि विहिप चाहती है सभी मंदिर दुबारा बनें और जिन अधिकारियों ने इन्हे तुडवाया है,वे नए बने मंदिरों में भगवान से क्षमा मांगे अन्यथा उनकी 71 पीढियों को भुगतना पडेगा।