माउंट आबू। माउंट आबू में बारिश अब तक रुकी नहीं है और तेज हवा भी जारी है। ऐसे में प्रशासन की प्राथमिकता माउंट आबू में फंसे हुए पर्यटकों को बाहर निकालने की की है। बीते 82 घंटों में यहाँ 48 इंच बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार में अगले 36 घंटे तक सुधार की कोई गुंजाईश नहीं है।
उपखंड अधिकारी अविचल चतुर्वेदी ने बताया कि फिलहाल एस्कॉर्ट के साथ माउंट आब में फंसे पर्यटकों को नीचे उतारा जा रहा है। शाम तक यहां से 250 छोटे वाहनों को बाहर निकाल दिया गया था। आरना से छीपबेरी के बीच दो स्थानों पर सड़कें बुरी तरह से डैमेज हैं। इसके अलावा भी कुछ स्थानों पर सड़कें धँसनि शुरू ही गयी है। इन सभी खतरनाक स्थानों पर आर्मी और पुलिस के एक एक जवान तैनात किये हैं ताकि कोई पर्यटक गलत रस्ते पर नहीं चला जाए। ह्यस्रद्व ने बताया कि सड़कों पर पानी आने से रॉकने के लिए एक द्भष्ड्ढ को रास्ते में ही लगाया हुआ है ताकि प्राकर्तिक बहाव के रस्ते में कचरा आने पर उसे साफ़ किया जा सके। उन्होंने बताया कि बिजली व्यवस्था एहतियातन अभी बहाल नहीं की गयी है। हवा और बारिश अभी जारी है। कहीं पर बिजली के तारों पर पेड़ गिरे होने की आशंकाएं है। जब तक बिजली की लाइन्स पूरी तरह से सुरक्षित होने की जानकारी नहीं मिल जाए तब तक बिजली व्यवस्था बहाल करने में सावधानी बरतेंगे ताकि लाइन शुरू करने के बाद कोई नुक्सान की आशंका नहीं रहे। इधर सुरपगला के पास में पुलिया टूटने से अम्बाजी से भी संपर्क टूट गया है ।
आवश्यक वस्तुओं की किल्लत
तेज बारिश में शिला स्खलन के कारण हुई कट चुके माउण्ट आबू में आवश्यक वस्तुओं के वितरण की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। दूध, सब्जियों आदि के साथ डीजल-पेट्रोल की भी किल्लत हो गई है। इस कारण डीजल-पेट्रोल की भी राशनिंग व्यवस्था हो गई है। उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को आवश्यक वस्तुओं की वाहनों को माउण्ट आबू आने दिया जाएगा। डीजल-पेट्रोल की व्यवस्था आबूरोड से की जाएगी।
आबूरोड के लूनियापुरा में जलभराव
तेज बारिश के कारण आबूरोड में बनास नदी पूरी तरह से उफान पर रही। इससे लूनियापुरा, केसरगंज व गुरुनानक कॉलोनी में जलभराव हो गया। उपखण्ड अधिकारी चतुर्वेदी ने बताया कि एहतियातन लूनियापुरा पहले ही खाली करवा लिया था, वहां किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। वहीं केसरगंज व गुरुनानक कॉलोनी में भरे पानी को पम्प से निकाल लिया गया है।
बारिश का दौर जारी, दस घंटे में साढ़े तीन इंच बारिश
माउण्ट आबू में बारिश और तेज हवा का दौर रात सवा नौ बजे तक भी जारी था। उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि वहां पर सवेरे आठ से शाम छह बजे तक 90 मिली मीटर बारिश हो चुकी थी। बारिश के कारण ही बिजली व्यवस्था बहाल नहीं की जा सकी है।
साठ घंटे से ब्लैक आउट
माउण्ट आबू में साठ घंटे से ज्यादा समय से ब्लैक आउट की स्थिति है। यहां पर बिजली व्यवस्था बुधवार रात तक बहाल नही की गई थी। बिजली के अभाव में लोगों के इंवर्टर आदि भी जवाब देने लगे हैं। डीजल पर राशनिंग के कारण जनरेटर का इस्तेमाल भी सीमित समय के लिए कर पा रहे हैं। कई लोग तो वाहनों की बैट्री का इस्तेमाल उजाले के लिए कर रहे हैं।
घर बन रहे हैं तालाब
ईको सेंसेटिव जोन के कारण माउण्ट आबू में मकानों की मरम्मत और रिनोवेशन की अनुमति नहीं है। ऐसे में सैंकड़ों मकान ऐसे हैं जो टापूओं में तब्दील हो गए हैं। घरों में सुरक्षित स्थान ढूंढना भी घर वालों के लिए मुश्किल हो रहा है। हालात इतने विकट हैं कि ऐसी स्थिति में लोगों के लिए अपने खाने की वस्तुएं तथा पहनने और ओढऩे के कपड़े तक बचाना मुश्किल हो रहा है। छतों से टपकने पानी और रिसती दीवारों ने घरों को टापू बना दिया है।