सिरोही। प्रभारी मंत्री के साथ गुरुवार को कथित पुत्रमोही नेताजी भी पूरे जोश में थे, इसी जोश में सर्किट हाउस में वो यह तक बोल गए कि गुरुवार रात नौ बजे तक यदि टोल नाके पर सिरेाही पासिंग की गाडियों के टोल बंद नहीं हुए तो वह खुद भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ सवेरे टोल नाके पर टोल का विरोध करने के लिए निकल पडेंगे।
फोरलेन सिरोही के अंदर पूरी तरह से बंद हो गई है। पिछले महीने ही इसे षुरू करके टोल षुरू किया गया था, लेकिन पांच दिन पहले तेज बारिष से सिरोही के किलोमीटर 219 से 214 के बीच में जिस कदर बडी बडी चटटानें गिरी हैं। ब्यावर से पिण्डवाडा के बीच इस फोरलेन पर सबसे ज्यादा टोल सिरेाही जिले के पालडी एम वाले टोल पर है।
इसका कारण टनल में आई लागत को भी माना जा रहा है। सवाल यह है कि जब एनएचएआई की कंसल्टिंग एजेंसी ने सिरोही में फोरलेन सेक्षन के किलोमीटर 219 से किलोमीटर 224 तक के पांच चटटानी क्षेत्रों को खतरनाक बताते हुए इस पर यातायात ष्षुरू नहीं किए जाने की सिफारिष कर दी थी, तो प्रभारी मंत्री और जिले के अन्य अधिकारियों और नेताओं ने बिना दुरूस्तीकरण के इस मार्ग पर यातायात और टोल ष्षुरू करवाकर लोगों की जान को जोखिम में क्यों डाल दिया।