नई दिल्ली। आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा लीबिया में अगवा किए गए चार भारतीयों में से दो को रिहा करा लिया गया है। रिहा होने वाले भारतीयों के नाम लक्ष्मीकांत और विजय कुमार है।
इन्हे वापस सिरत युनिवर्सिटी लाया जा चुका है। अन्य दो लोगों को भी छुड़ाने की कोशिश जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस घटना पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।
जानकारी हो कि त्रिपोली और ट्यूनिस से भारत लौट रहे चार भारतीय अध्यापकों का कथित रूप से आईएस ने लीबिया में अपहरण कर लिया है। सरकार ने आज बताया कि इनमें से दो अध्यापक हैदराबाद के हैं, एक अध्यापक रायचूर और एक बंगलुरु का है।
चारों भारतीयों को सिरत से करीब 50 किलोमीटर दूर एक जांच चौकी पर रोक लिया गया। यह इलाका आतंकवादी संगठन के नियंत्रण में है। यह सूचना जब भारतीय विदेश मंत्रालय को मिली तो सुबह प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को बुलाकर सारी जानकारी ली। साथ ही विदेश मंत्रालय से स्थिति पर निगाह बनाये रखने के निर्देश भी प्रधानमंत्री ने दिए।
इस बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक पत्र लिखकर जल्द से जल्द कार्यवाही करने की मांग की। सुषमा को लिखे एक पत्र में राज्य सरकार के दिल्ली के विशेष प्रतिनिधि राममोहन राव ने कहा कि आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम के रहने वाले प्रोफेसर बालाराम और हैदराबाद के रहने वाले प्रोफेसर गोपी कष्ण समेत चार भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए लीबिया के त्रिपोली में स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों को निर्देश दें।
शुक्रवार शाम को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक ट्वीट करके बताया कि अगवा किये गए चार भारतीयों में से दो को मुक्त करा लिया गया है । रिहा होने वाले भारतीयों के नाम लक्ष्मीकांत और विजय कुमार है । विदेश मंत्रालय का कहना है कि वो लीबिया से संपर्क बनाये हुवे है और बाकी दोनों भारतीय नागरिकों को मुक्त करने के लिए प्रयास किये जा रहे है ।
जानकारी हो कि त्रिपोली की स्थानीय मीडिया ने खबर दी थी कि चार भारतीयों को लीबिया के सिरते शहर से अगवा किया गया है। यह सभी भारतीय गुरुवार के बाद से ही लापता हैं। इन सभी को अगवा करने के आईएस आतंकियों का हाथ बताया गया था।