पटना। विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में शामिल दलों में सीटों के लिए खींचतान शुरू हो गई है। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस अधिक सीट की मांग को लेकर आंखें तरेरना शुरू कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि सम्मानजनक सीट नहीं मिलने पर अलग रास्ता भी कांग्रेस चुन सकती है। पार्टी ने विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं। महागठबंधन में शामिल जनता दल (यू) के सबसे अधिक विधायक हैं। जबकि दूसरे नंबर पर राजद के विधायक हैं और तीसरे नंबर पर कांग्रेस है वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं है।
इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन के तहत 50 से अधिक सीटों की मांग कर रही है। जबकि जदयू 125 से 130 सीट और राजद भी इसी बराबरी में सीट की मांग कर रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस ने अभी तक पत्ता नहीं खोला है। जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस अभी बिहार में संगठनात्मक चुनाव में लगी हुई है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वीके ठाकुर ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस बिहार में बहुत दिनों तक पिछलग्गू बनी रही है। इस चुनाव में पार्टी सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए महागठबंधन में शामिल हुई है।
यदि पार्टी को सम्मानजनक सीट समझौते के तहत नहीं मिलेगा तो पार्टी अपना अलग रास्ता अपनाएगी। वैसे विधानसभा के 243 सीटों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि कम से कम 50 सीट पर मिलने पर हीं कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी।
प्रवक्ता ठाकुर ने कहा कि सीमांचल में कांग्रेस का प्रदर्षन लोकसभा चुनाव में अच्छा रहा है। वहीं कोसी का क्षेत्र भी कांग्रेस का गढ़ है। वैसी स्थिति में इन दोनों क्षेत्रों के सभी सीटों पर कांगे्रस पार्टी चुनाव लड़ने की तैयार कर रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी लहर में भी इन क्षेत्रों से कांग्रेस के दो सांसद चुने गए हैं। जो यह साबित करता है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस का जनाधार है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शायद हीं कोई ऐसा गांव होगा जहां कांग्रेस के समर्थन नहीं हो।