देवरिया। जनपद के गौरीबाजार थानान्तर्गत गत दिवस एक मासूम बच्ची का अपहरण कर लिया गया। आशंका जताई जा रही है कि उससे दुष्कर्म किया गया और राज छुपाने के लिए जिंदा आग के हवाले कर दिया गया।
बाद में उसे जिला अस्पताल के बर्नवार्ड में छोड़कर दरिंदे फरार हो गए। परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त थाना क्षेत्र से एक मासूम बच्ची का शनिवार को दिन में कुछ लोग उठा ले गए। वारदात की सूचना परिजन तत्काल जिम्मेदार अधिकारियों को दी। लेकिन पुलिस उसके परिवार के लोगों को भरोसा दिया कि बच्ची मिल जाएगी। हालांकि परिवार के लोगों को वह जिन्दा की जगह, जली हुई अवस्था में मृत मिली।
परिवार के लोगों को किसी ने बताया की एक मासूम को शनिवार की रात जिला अस्पताल मे कुछ लोगों ने भर्ती कराया और वहा भाग निकले। परिवार के लोग ने जब जिला अस्पताल पहॅुचे तो वह कुछ बोलने वाली थी कि उसके प्राण प्रखूरू उड़ गए। पूरी वारदात का राज उसके सीने में ही दफन हो गई। सूचना पर सक्रिय हुई पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अन्त्य परीक्षण के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दिया है। हालांकि पुलिस अधिकारी अभी कुछ भी बोलने से बच रहें है।
….आखिर क्यो जलाई गई मासूम
क्या राज जानती थी मासूम क्या मौत के घाट उतारा दरीन्दो ने और क्यो जिला अस्पताल मे देर रात को छोड कर भाग गए। क्यो भर्ती कराया उन लोगेा ने सवाल बन कर खडे है। गौरीबाजार मे जिस जगह उसे बन्ध बना कर रखा गया था क्यो नही जागी पुलिस वाले सब सवाल बन कर खडे है ?
मासूम को देख माॅं के आॅंख मे आ गये आॅंसू
रविवार की सूबह जब परिवार के लोग जिला अस्पताल के इमरजेन्सी में पहॅुच कर अपनी बेटी के बारे मे जानकारी जाननी चाही तो जहा उसका नाम गलत लिखा हुआ था पता सही लिखा हुआ था। परिवार के लोगो को आशंका है कि उसके साथ कोई अनहोनी तो नही हो गई। परिवार के लोगो को महिला वार्ड मे भेजा गया। वहां मौजूद कर्मचारीयो ने बताया की उस मासूम ने सूबह दम तोड दिया।
माॅं का तो बूरा हाल हो गया लेकिन परिवार वालो ने साहस के साथ पोस्मार्टम का तरफ रास्ता पकड लिया और पहॅुच कर दिशा को देखा तो उनके कलेजा का टूकड़ा जली अवस्था मे देखकर माॅं फक कर रोना शूरू कर दी और उसके बहनों का बूरा हाल हो गया। माॅं ने थाने मे तहरीर दे कर मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया पूलिस ने मुकदमा दर्ज कर, जांच में जुट गई है लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई सुराग नहीं लगा पाई थी।