प्रतापगढ़। जनपद के महेशगंज थाना क्षेत्र की युवती गीता पाकिस्तान में 11 वर्ष बाद मिली है। गीता महेशगंज थाना क्षेत्रधमोहन की रहने वाली है।
पिता रामराज और अनारा देवी कहते हैं कि यह तो उनकी बेटी सविता है। इसके बाद अपनी बेटी को पाने के वह डीएम से लेकर मुख्ममंत्री तक से गुहार लगा रहे हैं।
पिता के अनुसार गीता 2004 में बिहार के तारण जिले में स्थित एक मठ से बिछुड़ गई थी। पिता की माग पर विदेश मंत्रालय भी गीता को वापस लाने के लिए सक्रिय हो गया है।
धमोहन गांव के रामराज की ससुराल पूरे रामा गांव में है। उनका साला छोटे 16 साल की उम्र में घर छोड़कर बिहार के सारण जिले में स्थित छपरा भाग गया था। वहां सलेमपुर छपरा में गौशाला मठिया नानकशाही मठ में वह बाबा ओमप्रकाश दास की शरण में रहने लगा।
बाद में बाबा ओमप्रकाश का निधन हो जाने पर छोटे का नामकरण बाबा नारायणदास कर दिया गया और वह मठ के महंत हो गए। फिर बाबा नारायणदास करीब 23 साल बाद अपने घर रामापुर पहुंचे तो परिजनों को उनके जदा होने और मठ का महंत होने की जानकारी मिली। इसके बाद परिवारीजन का छपरा मठिया धाम आना-जाना शुरू हो गया।
मई 2004 में अनारा देवी अपने छह बच्चों सावित्री, सविता, सरिता, अंतिमा, रिशु एवं पति के साथ भाई बाबा नारायणदास के पास छपरा गई थी। मझली बेटी सविता (8) मूक बधिर थी।
महीने भर बाद आषाढ़ में खेती बारी के लिए अनारा सविता को वहीं छोड़ कर अन्य बच्चों व पति के साथ घर लौट आई थी। कुछ समय बाद सविता आश्रम से गायब हो गई। मामा नारायणदास ने बहन को जानकारी दी तो अनारा रक्षाबंधन पर आश्रम पहुंची।
कुछ महीनों तक आसपास के गांवों में तलाश की। कुछ पता नहीं चलने पर एक नवंबर 2004 को नारायणदास ने छपरा थाने में सूचना दी थी, लेकिन पता नहीं चला। उसका इंतजार चल ही रहा था कि टीवी चैनलों पर पाकिस्तान में भारत की गीता के मिलने की खबर चलनी शुरू हुई तो लोगों ने रामराज व उनकी पत्नी अनारा को इस बारे में बताया।
दंपती ने खबर देखी तो दावा किया यह उनकी बेटी सविता है। उसके बाद बेजुबान बेटी की तस्वीर लेकर महेशगंज थाने गए और बेटी को पाकिस्तान से लाने के लिए मदद करने की गुहार लगाई। जिलाधिकारी ने दंपती को बुलाकर पूछताछ की और बेटी को पाकिस्तान से वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा है।