रांची। देवघर में बाबा बैघनाथ मंदिर में जलापर्ण के लिए कतार में बेलाबगान के पास भगदड़ मच जाने से 11 कावरियों की मौत हो गई। मृतकों में एक बच्चा और चार महिलाएं शामिल है। घटना में 50 कावरियां घायल हुए है। जिन्हे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
चार कावरियों की हालत गंभीर बतायी जा रही है। इन्हें बेहतर ईलाज के लिए रांची रेफर किया गया है। इन्हें हेलीकॉप्टर से रांची ले जाने की संभावना है। मृतकों में अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के है।
अब तक जिन मृतकों की पहचान हो चुकी है, इनमे उत्तर प्रदेश के चंदौली निवासी रामप्रवेश केशरी, नानपारा तहसील के काशीघाट निवासी कालिका यादव, बिहार के अररिया निवासी प्रदुम्न गोप शामिल है।
श्रावण मास की दूसरी सोमवारी होने कारण जलाभिषेक करने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी। घटना के बावजूद कावरियों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है और बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जलाभिषेक का कार्यक्रम लगातार जारी है।
उपायुक्त अमित कुमार और एसपी पी मुरूगन मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और जलार्पण कार्य की व्यवस्था बनाए रखने में जुट गए। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार लगातार स्थिति की जानकारी ले रहे है।
गृह सचिव एनएन पांडे, एडीजीपी एसएन प्रधान, ग्राम्य अभियंत्रण के सचिव एमआर मीणा और स्वास्थ्य निदेशक सुमंत मिश्रा स्थिति का जायजा लेने के लिए देवघर पहुंच चुके है। सभी अधिकारियों ने सदर अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और स्थिति की जानकारी ली। घटना की जानकारी के लिए प्रशासन ने हेल्प लाइन नंबर 06432-232299 और 240577 जारी किया है।
प्रधानमंत्री ने ली घटना की जानकारी
इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से बातचीत की और दुर्घटना के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने का निर्देश दिया।
कैसे हुई घटना
घटना के संबंध में संताल परगना के सूचना एवं जनसंपर्क उपनिर्देशक अजय कुमार जा ने बताया कि श्रावण के दूसरे सोमवार को बाबा मंदिर में जलार्पण के लिए कावरियों की लम्बी कतार लगी हुई थी। कतार को नियंत्रित करने के लिए रस्सी बंधी थी। कावरियों के बीच में तोड़ सी गैप होने के बाद कई कावरियां आगे आने के लिए भागे और इसी दौरान भगदड़ मच गई।
गृह सचिव एनएन पांडेय के साथ आईटी सचिव मस्त राम मीणा ने परिसदन में पत्रकारों को बताया कि अहले सुबह जब मंदिर का कपाट खुलता है तब कावरियों में जलाभिषेक करने की व्यग्रता होती है। वे जल्द मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए उतावले हो जाते है। इसी दौरान भगदड़ की संभावना होती है।
उन्होंने कहा कि घटनास्थल का जायजा लेने पर पाया गया कि वहां पर काफी ढ़लान है। जिस वजह से कावरियों को संभलने का मौका नहीं मिला। भीड़ पर नियंत्रण के लिए अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत महसूस की गई है।
एडीजी, अभियान एसएन प्रधान ने कहा कि पिछले कई वर्षो की तुलना में इस बार ज्यादा संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि अभी आधा सावन बचा है। सावधानी के लिए सीआरपीएफ की तीन और आरएएफ की अतिरिक्त एक कंपनी उपलब्ध करायी जा रही है।
राहुल पुरवार करेंगे देखरेख
देवघर की घटना को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने राज्य के दो बड़े अधिकारियों राहुल पुरवार और मुरारीलाल मीणा को श्रावणी मेला तक देवघर में विशेष प्रतिनियुक्ति पर भेजने का निर्णय किया है। ये दोनों मेले की पूरी व्यवस्था देखेंगे। राहुल पुरवार देवघर के उपायुक्त और मुरारीलाल मीणा एसपी रह चुके है।
दुर्घटना के लिए सिर्फ प्रशासन जिम्मेदार नहीं : निशिकांत दुबे
झारखंड की गोड्डा संसदीय सीट से भाजपा के सांसद निशिकांत दूबे ने देवगढ़ जिले में हुई दुर्घटना को लेकर राज्य सरकार का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि दुर्घटना की पूरी जिम्मेदारी वह खुद स्वीकार करते हैं और अगर प्रशासन ने मौके पर पुख्ता इंतजाम नहीं किए थे, तो इसकी जिम्मेदारी हम सभी को लेनी होगीI घटना के लिए सिर्फ प्रशासन को जिम्मेदार नही ठहराया जा सकता।
उन्होंने कहा कि हमें इस घटना से सबक लेना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं हो। इसके लिए वह केन्द्र से लेकर राज्य सरकार से ऐसे मौकों पर मजबूत बुनियादी ढांचा एवं भीड़ नियंत्रण करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना बनाने का आग्रह करेंगेI
जानकारी हो कि झारखंड के देवघर में सोमवार सुबह मची भगदड़ के कारण 11 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों को तत्काल स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
देवघर में अतिरिक्त आरएएफ फोर्स भेजने के निर्देश
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड के देवघर में स्थित को सँभालने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स(आरएएफ) की अतिरिक्त बटालियन भेजने के निर्देश दिए हैं I
जानकारी के अनुसार झारखंड के देवघर में सोमवार सुबह मची भगदड़ के कारण हुई मौतों के बाद राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को स्थितियों से अवगत कराया, साथ ही एक अतिरिक्त आरएएफ बटालियन की मांग की I इसके बाद गृहमंत्री सिंह ने गृह सचिव एल.सी गोयल को बेहतर भीड़ व सुरक्षा प्रबंधन के लिए अतिरिक्त रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) देवघर भेजने के निर्देश दिए है।
देवघर हादसे पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ ने झारखंड के देवघर मंदिर में सावन मेले के दौरान मची भगदड़ में मारे गए लोगों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा है कि वह दुख की इस घड़ी में मारे गये लोगों के परिवार के साथ हैं। उन्होंने दुर्घटना में घायल भक्तों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने दुर्घटना की जानकारी लेने के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास से बात भी की।
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने झारखंड में भगदड़ से हुई लोगों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड के देवघर मंदिर में भगदड़ में लोगों की मृत्यु का समाचार प्राप्त होने से मुझे दुख पहुंचा है। दु:ख की इस घड़ी में मेरी संवेदना और प्रार्थना शोकसंतप्त परिवारों के साथ है। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने इस संबध में मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी बात की है। रघुवर दास ने उन्हें भगदड़ के बाद बने हालात से अवगत कराया और स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) तैनात करने का अनुरोध किया किया है।
जानकारी हो कि झारखंड के देवघर में सोमवार सुबह मची भगदड़ में 11 कावंडियों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा कावंडिए घायल हो गए। भगदड़ बाबाधाम मंदिर से करीब दो किलोमीटर दूर बेलाबगान मंदिर के पास मची। सावन के महीने में पूरे 30 दिन बाबाधाम मंदिर में भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए झारखंड-बिहार सहित देश के कई राज्यों और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों से हजारों भक्त कांवड़ लेकर आते हैं।