नई दिल्ली। हॉकी इंडिया और हॉकी इंडिया लीग एथलीट विवाद और शिकायत निवारण समिति ने भारत के स्टार खिलाड़ी गुरबाज सिंह को अनुशासनहीनता और दुर्व्यवहार मामले में नौ महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
आज हरबिंदर सिंह, अध्यक्ष(एथलीट), डॉ आरपी सिंह(एथलीट, सदस्य) डॉ एबी सुब्बैयह(एथलीट, सदस्य) और जसजीत कौर(एथलीट,सदस्य) की उपस्थिति में हॉकी इंडिया और हॉकी इंडिया लीग एथलीट विवाद और शिकायत निवारण समिति ने बेहतरीन हॉकी खिलाडी गुरबाज सिंह को अनुशासनहीनता और दुर्व्यवहार मामले में 9 महीने का प्रतिबंध लगाया है।
उनका प्रतिबन्ध आज से प्रभावी हो गया है जो की 9 मई 2016 तक लागू रहेगा। इस दौरान गुरबाज एचआई, एएचएफ और एफआईएच द्वारा आयोजित किसी भी टूर्नामेंट में भाग लेने नहीं ले सकेंगे।
भारतीय टीम के पूर्व कोच जूड फेलिक्स ने एफआईएच हॉकी विश्व लीग 2015 सेमी-फाइनल के बाद गुरबाज के आचरण पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर समिति को दिया था। रिपोर्ट में जापान सीरीज 2015 और सुल्तान अजलन शाह 2015 शामिल है।
उन पर आरोप है की वे अपने कोच और सपोर्टिंग स्टाफ के साथ उचित और मर्यादित व्यवहार नहीं करते थे साथ ही अपने साथी खिलाड़ी के साथ गुटबाजी करते है। साथ ही उन्होंने मीडफील्ड के अलावा अन्य किसी भी स्थान पर खेलने से इंकार कर दिया था।
गुरबाज के पास हालांकि एक महीने के भीतर हॉकी इंडिया के अपीली पंचाट में अपील करने का विकल्प होगा। हरबिंदर ने बाद में ‘कहा कि लगातार गलत हरकतों के कारण गुरबाज को सबक सिखाने का समय आ गया था।
उन्होंने कहा कि हमने गुरबाज को आज से नौ महीने के लिए निलंबित कर दिया है जिसका मतलब हुआ कि वह नौ मई 2016 तक भारत के लिए नहीं खेल पाएगा। ज्यूड फेलिक्स ने अपनी (हॉकी विश्व लीग) रिपोर्ट में गुरबाज के खिलाफ अनुशासन का मुद्दा उठाया था जिसके बाद यह कदम उठाया गया।’’