जगदलपुर। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी के द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप की पत्नी के द्वारा परीक्षा में किए गए फर्जीवाड़े को लेकर इस्तीफा की मांग की।
नान घोटाले में छग के मुख्यमंत्री एवं उनके परिजनों की संलिप्तता, भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में प्रदर्शन करते हुए स्थानीय राजारूद्रप्रताप देव टाऊन क्लब प्रांगण में धरना दिया और रैली निकालकर कलेक्टोरेट घेरने का प्रयास किया। इस दौरान लगभग 2 हजार कांग्रेसियों ने गिरफ्तारियां दी।
कार्यक्रम में विशेष रूप से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं धमतरी के विधायक गुरमुख सिंह होरा के साथ कांकेर के विधायक शंकर धु्रवा, केशकाल विधायक संतकुमार नेताम, कोण्डागांव विधायक मोहन मरकाम, चित्रकोट विधायक दीपक बैज, दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा, मलकीत सिंह गैदू, प्रतीमा चन्द्राकर, छबिन्द्र कर्मा, करन देव एवं अन्य कांग्रेसी नेता उपस्थित थे।
कांग्रेस एक जुटता के साथ प्रदेश की रमन सरकार की जन विरोधी नीतियों का जमकर विरोध किया। धरना को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में कानून केवल गरीबों एवं आम जनता के लिए है। मंत्री और आईएएस अधिकारियों के लिए कोई कानून नहीं है। यही कारण है कि पोराबाई जो फर्जी अंक सूची बनाई थी उसे जेल भेजा गया, लेकिन मंत्री केदार कश्यप की पत्नी जगह उनकी साली किरण मौर्य परीक्षा दी।
इस मामले में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है। केदार कश्यप कह रहे थे कि उनकी पत्नी ने परीक्षा का फार्म ही नहीं भरा है तो उनकी साली परीक्षा में क्यों शामिल हुई, यदि उनकी साली पत्नी से बदला लेने के लिए यह हरकत की है तो मंत्री अपनी साली का बचाव क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरी भाजपा सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। नान घोटाले में मुख्यमंत्री और उनकी साली और पत्नी के पास पैसा गया, लेकिन गिरफ्तारी जिले में पदस्थ अधिकारी की हुई। बड़े आईएएस अधिकारियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
भाजपा के जनप्रतिनिधि एवं मंत्री अधिकारियों के साथ मिलकर छग को लूट रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लोग छग के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है। भानुप्रतापपुर में 2012 बेच के आईएएस अधिकारी घुस लेते पकड़ाया, लेकिन गिरफ्तारी चपरासी की हुई। पोराबाई 12वीं की मेरिट लिस्ट में फर्जी तरीके से आई उस पर कार्रवाई करते हुए 7 दिन में जेल भेज दिया गया। वहीं लोहण्डीगुड़ा में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। क्योंकि शिक्षा मंत्री की पत्नी परीक्षा में बैठी है।
ऐसी क्या खास विशेषता है जिसके चलते पं. सुन्दरलाल शर्मा विश्व विद्यालय का परीक्षा केन्द्र किसी कालेज में ना होकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लोहण्डीगुड़ा में है। जहां 12 सौ की संख्या में परीक्षार्थी भी शामिल हो रहे है। इनमें बस्तर के बाहर के परीक्षार्थी भी परीक्षा दे रहे हैं जबकि बस्तर आने में ही लोग डरते है।
उन्होंने विश्व विद्यालय द्वारा भेजे गए जांच दल की आलोचना करते हुए कहा कि जांच दल के अधिकारी आरोपी को अपनी बेटी बताते हैं और दूसरा दल परीक्षा में शांति कश्यप की जगह शामिल अन्य महिला किरण मौर्य की तलाश ना कर चित्रकोट घुमने चले गए और रिपोर्ट में अन्य महिला के द्वारा परीक्षा दिए जाने का रिपोर्ट प्रस्तुत किया। कुल मिलाकर मामले में लिपापोती की जा रही है। कांग्रेस यह मांग करती है कि एसपी और थानेदार के द्वारा अब तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं किया गया। जब तक एफआईआर दर्ज नहीं किया जाता तब तक पूरे छग में आंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान के राज में फर्जी डॉक्टर ईलाज कर रहे हैं, वहीं छग के रमन राज में फर्जी डिग्री ले रहे है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि केदार कश्यप कह रहे हैं कि उनकी पत्नी परीक्षा में शामिल हो रही है उन्हें नहीं मालूम। शायद पत्रकारों के पूछने पर शांति कश्यप कहेंगी मेरे पति मंत्री है यह मुझे नहीं मालूम।
शिक्षा मंत्री है तो शिक्षा में हुई धांधली की जांच करवानी चाहिए। मंत्री केदार बतायें कि उन्होंने अपनी साली को कहां छिपा रखा है। बस्तर के आदिवासी भोले-भाले जरूर है पर मूर्ख नहीं है। बस्तर जाग चुका है, मंत्री ठोस कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा मंत्री के साथ ना तो जनता है और ना ही भाजपा के नेता। केवल मुख्यमंत्री रमन सिंह ही उनका पक्ष ले रहे हैं। भाजपा प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री उनकी साली की तरह शिक्षा मंत्री केदार और उनकी साली किरण के साथ पीए किरण नाग भी नकल प्रकरण में पकड़ाएं हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्री केदार के दिन ठीक नहीं चल रहे है उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। श्री बघेल ने बस्तर के आदिवासी नेता स्व. बलीराम कश्यप की तारीफ करते हुए कहा कि यदि वे जीवित होते तो केदार को घर में रहने की जगह नहीं मिलती। बस्तर के आदिवासी ही नहीं पूरे प्रदेश की जनता के साथ भाजपा की सरकार छल कर रही है।
15 को यह घोषणा करने जा रही है कि सभी आदिवासियों को वन भूमि अधिकार पट्टा दिया जा चुका है जबकि अब तक 5 लाख आदिवासियों को वन भूमि पट्टा प्रदान नहीं किया गया है। कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर सारे ग्राम सभाओं में वन भूमि पट्टा निराकरण के विरोध में कांग्रेस आपत्ती दर्ज करायेगी। उन्होंने कहा कि बस्तर विरोधी, आदिवासी विरोधी इस सरकार को जड़ से उखाड़ फैंकना जरूरी है तभी हमारे बच्चों के भविष्य सुरक्षित रहेंगे।
इसी क्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष एवं धमतरी के विधायक गुरमुख सिंह होरा ने भी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर दोषियों को दंड़ दिए जाने की मांग की।
विधायक कोण्डागांव मोहन मरकाम ने कहा कि केन्द्र की शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी पर फर्जी मार्कसीट का मामला है तो प्रदेश के शिक्षा मंत्री केदार कश्यप की पत्नी परीक्षा के फर्जीवाड़े में शामिल है। उन्होंने शीघ्र ही शिक्षा मंत्री की पत्नी और उनकी साली के विरूद्ध एफआईआर दर्ज किए जाने की बात कही।
इसी तरह कोंटा विधायक कवासी लखमा, कांकेर विधायक शंकर धु्रवा, केशकाल विधायक संतकुमार नेताम, प्रदेश सचिव राजेश तिवारी, प्रदेश सचिव छबिन्द्र कर्मा, सुकमा जिलाध्यक्ष करण देव, कांकेर जिलाध्यक्ष नरेश ठाकुर, महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, जिलाध्यक्ष राजीव शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए भाजपा सरकार की जमकर आलोचना की एवं शिक्षा में फर्जीवाड़ा, नान घोटाले एवं अन्य भ्रष्टाचार के आरोपियों के विरूद्ध शीघ्र कार्रवाई कर दोषियों को दंडि़त किए जाने की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार का घड़ा भर चुका है। आने वाले चुनाव में बस्तर के 12 विधायकों का चुनाव कर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार चुनकर जनता भ्रष्टाचारियों को सबक सिखायेगी।
धरना स्थल से सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस के जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी एवं कार्यकर्तागण शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के विरोध में नारेबाजी करते हुए नगर के प्रमुख मार्गों से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट घेरने पहुंचे। कलेक्ट्रेट पहुंचने से पूर्व ही पुलिस ने कांग्रेसियों को सिटीग्राउण्ड के पास रोका और सिटीग्राउण्ड में बनाए गए अस्थाई जेल में गिरफ्तार किया। 2223 कांग्रेसियों ने गिरफ्तारी दी। बस्तर संभाग के कांग्रेसी विधायक कलेक्टर से मिलकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
पुलिस ने की पानी की बौछार
कांग्रेस के कलेक्टोरेट घेरने के आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की थी। जगह-जगह पर बेरिकेट बनाकर काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। उग्र प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए पुलिस ने कांग्रेसियों पर पानी की बौछार भी की।