जयपुर। प्रदेश के 31 जिलों के 129 निकायों करे 3 हजार 351 वार्डों में होने वाले शहरी निकाय चुनाव के लिए 37 लाख 58 हजार 574 मतदाता हैं। साथ ही कुल 10 हजार 582 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
शनिवार को प्रचार का शोर थमने के साथ ही कई तरह के प्रतिबंध और पाबंदियां भी लागू हो गई हैं। 27000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात चुनाव के लिए तैनात किए गए हैं।
मतदान सुबह सात से शाम 5 बजे तक ईवीएम से होगा। इस बार संवेदनशील केन्द्रों की संख्या के मद्देनजर 40 पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है।यह पर्यवेक्षक चुनावी व्यवस्था पर पैनी नजर रखेंगे।
समय.समय पर कानून व्यवस्था,आदर्श आचार संहिता, चुनाव समाप्त होने की रिपोर्ट देंगे। खास तौर पर बोगस वोटिंग,फर्जी मतदाता, मतदाताओं को प्रभावित करने पर पर्यवेक्षक नजर रखेंगे।
भाजपा-कांग्रेस ने झोंकी ताकत
निकाय चुनाव से पहले से ही जोर आजमाइश शुरू हो गई थी । भाजपा के प्रदेश संगठन ने सभी मंत्रियों और विधायकों को अपने अपने क्षेत्र में मौजूद रहकर वोटिंग करवाने के निर्देश दिए हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
सीएम वसुंधरा राजे को भी पल पल की अपडेट दी जा रही हैंण् वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित पूरी टीम इस बार कांग्रेस को खोया संबंल प्राप्त करने की तैयारी में हैं। उपाध्यक्ष राहुल गांधी की राजस्थान यात्रा भी निकाय चुनाव में जीत का जोश भरने में सफल मानी जा रही हैं।
संवेदनशील मतदान केंद्र बढ़े
पिछली बार से इस बार संवेदनशील मतदान केन्द्रों में तीन गुने का इजाफा हुआ है। इसके चलते पिछली बार के मुकाबले इस बार दोगुने से ज्यादा पुलिस बल तैनात किया गया है। 3 हजार 351 वार्डों में चुनाव के लिए 4 हजार 302 मतदान केंद्र और 47 सहायक मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं जिनमें से तीस फीसदी संवेदनशील माने गए हैं।
इनमें भी ज्यादा हिंसा की आशंका वाले केन्द्रों की संख्या ज्यादा है। इसके चलते इस बार 27 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे जिनमें होमगार्ड्स भी शामिल हैं। इन शहरी निकाय क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर गए पर्यवेक्षक खास तौर पर यह ध्यान रखेंगे कि चुनाव प्रचार के बाद कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं हो।
साथ ही इसके लिए पुलिस को भी निर्देश दिए हैं कि कोई भी बाहरी नेता किसी होटलए सराय में तो नहीं रुका हैण् या कोई राजनीतिक गतिविधि के जरिये मतदाताओं को प्रभावित करने का काम तो नहीं कर रहा हैण् मंत्रियों का निकाय क्षेत्र में सरकारी वाहनों का प्रयोगए सरकारी गेस्ट हाउसों में रुकना या अन्य राजनीतिक गतिविधि पहले ही बंद है।