झांसी। इस दो माह की दुधमुंही मासूम बच्ची ने आखिर किसी का क्या बिगाड़ा था जो इसे एक सामान की तरह बैग में बन्द कर कहां ले जाया जा रहा था, या फिर कोई उसका अपहरण कर चोरी छिपे ले जा रहा था।
दरअसल झांसी जनपद के मऊरानीपुर रेलवे स्टेशन पर एक बन्द बैग में यात्रियों ने किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनी, जिस पर उन्होनें इसकी सूचना जीआरपी को दी।
सूचना मिलते ही जीआरपी ने बैग की तलाशी ली तो उसमें से एक दो माह की बच्ची रोती बिलखती मिली। बच्ची को पुलिस ने अपनी सुपुर्दगी में लेकर इलाज के लिये मऊरानीपुर स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराकर बच्ची के माता पिता की तलाश शुरू कर दी है।
झांसी जनपद के थाना मऊरानीपुर रेलवे स्टेशन पर पटरियों के नजदीक यात्रियों ने किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनी, आवाज सुनकर यात्रियों ने इधर-उधर देखा पर कोई नजर नही आया।
इस दौरान उनकी नजर पटरियों के नजदीक रखे एक नीले रंग के बैग पर पड़ी और उन्होनें उस बैग के नजदीक जाकर देखा तो वह आवाज उस बैग के अन्दर से आ रही थी। जिसे देखकर स्टेशन पर खडे प्रत्यके यात्री को अचम्भा हुआ और उन्होंने इसकी सूचना जीआरपी व थाने की पुलिस को दी गई।
सूचना मिलते ही सुरक्षा की दृष्टि से जीआरपी और थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और बैग की तलाशी ली तो बैग के अन्दर से एक दो माह की बच्ची रोती-बिलखती हुई मिली।
काफी देर से रोने के कारण बच्ची की हालत बिगडने लगी, इसलिये पुलिस ने इन्सानियत दिखाते हुये इस मासूम बच्ची को इलाज के लिये नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया और पुलिस ने बच्ची के माता-पिता का सुराग लगाने के लिए खोजबीन शुरू कर दी।
स्टेशन पर बैग में मिली बच्ची को लेकर आस-पास में चर्चा बड़ी जोरों पर है कि इस बच्ची ने अभी तो सहीं तरीके से आखे भी नही खोली थी कि उसे कुछ निर्दयी लोग बैग में बन्दकर ले जा रहे थे, या फिर वे उसे लड़की होने के कारण स्टेशन पर बारिश होने के बाद भी लावारिस हालत में मरने के लिए छोड़कर चले गये। फिलहाल मामले की सच्चाई पुलिस की तहकीकात के बाद ही सामने आएगी।