मेरठ। चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित बृहस्पति भवन में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में विहिप नेता आचार्य धर्मेंद्र ने आतंकवादी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी कर दी।
इससे वहां मौजूद भाजपा विधायक संगीत सोम भड़क उठे और प्रधानमंत्री के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करने को कहा। इसके बाद विधायक कार्यक्रम छोड़कर चले गए। इससे वहां अफरातफरी मच गई।
रविवार को जगदंबा महाकाली डासना वाली, परिवार सांस्कृतिक गौरव संस्था और साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद ने ’भारतीय इतिहास: अद्वितीय बलिदानों की अपूर्व गाथा’ विषय पर बृहस्पति भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विहिप समेत कई हिंदू संगठनों के नेताओं को बुलाया गया था। कार्यक्रम शांतिपूर्वक चल रहा था। वक्ता देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को सलीमी देने के साथ-साथ उनसे प्ररेणा लेने का आह्वान कर रहे थे।
इसी दौरान विश्व हिंदू परिषद के संरक्षण मंडल में शामिल आचार्य धर्मेंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदुत्व के लिए आखिर उन्होंने किया क्या है, उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री ने एक घंटे से अधिक भाषण दिया, लेकिन इस दौरान उन्होंने आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला। आखिर इसका क्या मतलब है? यह सुनते ही भाजपा विधायक संगीत सोम मंच पर खड़े हो गए।
उन्होंने आचार्य धर्मेंद्र से कहा कि मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। मैं उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं सुन सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम में मोदी पर टिप्पणी करने का क्या मतलब है? यह कहते ही आचार्य धर्मेंद्र और संगीत सोम में तीखी बहस और नोकझोंक शुरू हो गई।
यह देखकर कार्यक्रम में मौजूद लोग भी कुर्सियों से खड़े हो गए। दोनों की बहस सुनकर हाल में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। आयोजकों ने किसी तरह इस अव्यवस्था पर काबू पाया। इसके बाद विधायक संगीत सोम कार्यक्रम छोड़कर चले गए।
आयोजक चेतना शर्मा ने बताया कि राजनैतिक लोगों को कार्यक्रम में बुलाने का सबसे बड़ा नुकसान यही है कि कुछ न कुछ राजनैतिक जरूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में विवाद होने वाली कोई बात नहीं कही गई है। भाजपा के लोग अगर सच्चाई भी नहीं सुन सकते हैं तो कुछ नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि विधायक संगीत सोम के जाने के बाद करीब दो घंटे कार्यक्रम चला। कार्यक्रम में देश के लिए बलिदान देने वाले अमर शहीदों और क्रांतिकारियों को याद कर उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया गया।
इस मौके पर मुकेश परमार, कर्नल निरंजन सिंह मलिक, मोहन लाल कपूर, वरुण वीर सिंह, कुलदीप तोमर, नरसिंहानंद महाराज, गगन सोम आदि मौजूद रहे।