जयपुर। प्रदेश में सरकार बनने के डेढ साल बाद भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनकी मंत्रि परिषद के सदस्यों की सम्पत्ति सार्वजनिक नहीं की गई है।
केन्द्र सरकार की ओर से 2010 में जारी नियमों के अनुसार हर राज्य में मंत्रियों को पद सम्भालने के तीन माह में सम्पत्ति सार्वजनिक करनी होती है और इसके बाद हर वित्तीय वर्ष में ऐसा करना होता है।
इस हिसाब से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मंत्रियों को पद सम्भालने के तीन माह के भीतर ही अपनी सम्पत्ति सार्वजनिक करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
इसके बाद वित्तीय वर्ष की समाप्ति भी हो गई, लेकिन अभी तक भी सरकार की ओर से मंत्रियों की सम्पत्ति के आंकडे जारी नहीं किए गए है।
जबकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार के समय हर वर्ष वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद मंत्रियों की आायकर रिटर्न सार्वजनिक की जाती रही है।
तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अपनी सम्पत्ति हर वर्ष सार्वजनिक करते थे। मंत्रियों और उनके जीवनसाथी की सम्पत्ति के आंकडे सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर जारी किए जाते रहे हैं।
इस समय इस वेबसाइट पर पिछली सरकार के मंत्रियों की सम्पत्ति के आंकडे तो है, लेकिन मौजूदा सरकार के मंत्रियों की सम्पत्ति की जानकारी नहीं है।