नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्पष्ट पर दिया है कि एनएसए स्तर पर पाकिस्तान के साथ होने वाली वार्ता सिर्फ आंतकवाद पर ही होगी। इस बैठक में कोई और मुद्दा नही उठाया जाएगा और अगर पाकिस्तान नहीं मानता है तो वार्ता नहीं होगी।
सुषमा स्वराज ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर सरताज अज़ीज़ कोई डोजियर लेकर आते है तो केंद्र सरकार उन अपराधियों को पकड़कर पाकिस्तान को सौंप देगी।
राजधानी दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को पाकिस्तान को करारा जवाब दिया । इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सुरक्षा सलाहकार सरताज अज़ीज़ के संवाददाता सम्मेलन के बाद, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि बैठक पर फैसला लेने के लिए पाकिस्तान के पास सिर्फ आज रात तक का वक्त है।
भारत-पाक के बीच हर बातचीत वार्ता नहीं होती है और हर वार्ता का एक संदर्भ होता है। समग्र डायलॉग ही वार्ता है, बाकी बातचीत साधारण होती है। साथ ही पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए कि एनएसए स्तर पर बातचीत सिर्फ आतंकवाद पर ही होगी।
आतंकवाद पर बात होने के बाद ही दूसरे विषयों पर बात होगी। इसलिए पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज आना चाहते हैं तो आएं, पर बातचीत में तीसरा पक्ष मंजूर नहीं और वार्ता के लिए हुर्रियत कोई पक्ष नहीं हो सकता।
सुषमा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के समय में कंपोजिट डायलॉग शुरू हुआ था और पहला कंपोजिट डायलॉग 1998 में शुरू हुआ। 2004 में पाकिस्तान से बातचीत शुरू हुई थी। कंपोजिट डायलॉग में 8 विषय तय हुए थे। कारगिल के बाद कंपोजिट डायलॉग रूक गया।
उफा में कंपोजिट डायलॉग और रिज्यूम डायलॉग की बहाली नहीं हुई। एनएसए स्तर की वार्ता कंपोजिट डायलॉग या रिज्यूम्ड डायलॉग का हिस्सा नहीं है बल्कि यह उसका माहौल बनाने के लिए उफा में बनी सहमति का हिस्सा है।
सुषमा ने आज यह भी साफ कर दिया कि रविवार को अगर बातचीत नहीं होती है तो बातचीत रुकेगी नहीं। भारत का नेतृत्व बहुत मजबूत है और हर दबाव झेलने में सक्षम हैं।
उफा में समग्र डॉयलाग की बहाली नहीं हुई थी, बल्कि आतंकवाद, सीमा विवाद पर अलग-अलग बातचीत की सहमति बनी थी । सुषमा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर सिर्फ विदेश सचिव ही वार्ता करेंगे।
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के रैवये पर सवाल उठाते हुए कहा कि एनएसए स्तर की बातचीत के न्यौते पर 22 दिन बाद पाकिस्तान से जवाब आया। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान कितना गंभीर है।
इसी तरह सीजफायर पर डीजीएमओ स्तर की बातचीत होनी थी, जिसका जवाब भी अब तक पाकिस्तान ने नहीं दिया है। इतना ही नहीं, उफा के बाद 91 बार सीजफायर का उल्लंघन किया जा चुका है और हमारे ऊपर बातचीत रद्द करने का दबाव बनाया जा रहा है ।