नई दिल्ली। भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का पर्व रक्षाबंधन 29 अगस्त को गुरू आदित्य योग में मनाया जाएगा, जो कि भाई-बहनो के लिए समृद्धिकारक है। रक्षाबंधन पर्व पर दोपहर तक भद्रा का साया है।
इसलिए बहनों को भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए दोपहर तक इंतजार करना पड़ेगा। भाई की कलाई पर इस बार बजरंगी भाईजान व बाहुबली राखियां भी सजेंगी। फिल्मों जैसी यह राखियां भी हिट हो रही हैं।
हालांकि यह महंगी हैं, पर विशेषकर बच्चें ऐसी राखियां पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा मोदी, स्पाइडर मैन, डोरेमोन, रेशमी राखी, स्टोन डेकोरेटेड राखी, कार्टून वाली राखी, चंदन, मोती, रूद्राक्ष, फैंसी और फोम से बनी राखी के साथ ही कई आकर्षक राखियां मनमोह रही हैं। थोक में पांच रूपए से 80 रूपए दर्जन की राखियां बाजार में मौजूद है।
रंग-बिरंगी राखियों की दुकान चौक-चौराहे पर सज गई हैं। शहर के शिल्पी प्लाजा, अमहिया, न्यू बस स्टैण्ड, पुराना बस स्टैण्ड के साथ विभिन्न स्थानों पर सजी दुकानों में राखी खरीदने के लिए लोग पहुंचने लगे हैं। इस वर्ष बच्चों व महिलाओं के विशेष आकर्षण का केंद्र है। पिछले वर्ष की तुलना में भी इस वर्ष भी राखियां महंगी हो गई है। बाजार में दिल्ली, अहमदाबाद, कलकत्ता, मुंबई सहित चाइना की राखियों का के्रज ज्यादा है।
पंडित रामनारायण तिवारी का कहना है कि भद्रा पर शुभ कार्य नहीं किए जाते। भद्रा में यात्रा, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, रक्षाबंधन जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। भद्रा का संबंध सूर्य और शनि से है। इस वर्ष दोपहर 1.40 तक भद्रा के कारण भाइयों की कलाइयां दोपहर बाद सजेंगी। वर्ष-2014 में भी रक्षाबंधन के दिन भद्रा लगा था। बीते वर्ष 10 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व पड़ा था। इस दिन भी 8 घंटे तक भद्रा था।
इसी तरह-2013 को पूर्णिमा तिथि में भद्रा लगने से रात 8.41 बजे के बाद शुभ मुहूर्त था। इस वर्ष 20 और 21 अगस्त दो दिन तक रक्षाबंधन मनाया गया। 10 घंटे तक भद्रा का प्रभाव था। इस वर्ष भद्रा का अंतर 9 घंटा 11 मिनट तक है। पंडित रामअवतार शर्मा ने बताया कि यह संयोग ही है कि 2013, 2014 और अब 2015 में लगातार तीसरा वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है।
रक्षाबंधन नजदीक होने से बाजार में भी बड़ी संख्या में राखी की दुकानें सज गई हैं। व्यापारियों ने बताया कि वे दिल्ली जाकर राखियों का माल खरीदते हैं। जिनमें बच्चों को पसंद आने वाली कार्टून, घड़ी, और रात में चमकने वाली राखियों को विशेष ध्यान में रखकर लाया जाता है।