मथेला/खंडवा। हिंदूओं के पवित्र त्यौहारों में से एक रक्षाबंधन जैसे पर्व पर बहने दूर-दूर से रक्षासूत्र बांधने के लिए अपने भाईयों के घर पहुंचती है। परंतु जब घर पहुंचती बहन और भाई को रक्षासूत्र बांधे उसके पहले ही भाई दुनिया से बिदा हो जाए, उस समय बहन और परिवार पर क्या बीतती होगी, उसका ताजा उदाहरण राखी के पूर्व देखने को मिला।
जब ग्रामीणों के चहीते फकीरचंद सेन 65 साल की बहन दूरदराज के ग्राम बिराली से चलकर शुक्रवार सुबह मथेला पहुंची और दिनभर अपने पुस्तैनी कार्य लोगों को सुविधा देते रहा। इसी बीच देर रात को साढ़े 11 बजे फकीरचंद सेन को सीने में दर्द और बेचेनी हुई उसी तत्काल निजी वाहन से सनावद ले जाया जा रहा था। इस दौरान उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। एक बहन अपने भाई को राखी बांधते बांधते वंचित रह गई।
श्री सेन के निधन की खबर सुनते ही ग्राम में शोक की लहर छा गई। क्योंकि वे हमेशा सामाजिक व परिवारिक कार्यों में शामिल होते रहते थे। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को नर्मदातट खेडीघाट पर किया गया। यहां उनके छोटे पुत्र दिलीप सेन ने मुखाग्नि दी। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणजन व समाजजन मौजूद थे।