मुंबई/कोलकाता। शीना बोरा के असली पिता मंगलवार को पहली बार सामने आए और कहा कि यदि इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी बेटी की हत्या की है तो उसे मौत की सजा दी जाए।
इंद्राणी स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी की पत्नी हैं। शीना 24 के कंकाल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
कोलकाता के रहने वाले सिद्धाथ दास ने स्वीकार किया है कि वह शीना के असली पिता हैं हालांकि उन्होंने उसकी मां से कभी शादी नहीं की। उन्होंने कहा कि यदि उसने हत्या की है तो उसे फांसी मिलनी चाहिए।
ऐसा बताया गया था कि वह बांग्लादेश भाग गए थे। उन्होंने कहा कि इंद्राणी ने उन्हें 1989 में छोड़ दिया था और उस वक्त से वे संपर्क में नहीं थे। दास ने बताया कि उन्हें अखबारों से हत्या के बारे में जानकारी मिली और वह जांच में सहयोग करने को तैयार हैं।
शीना और उसका भाई मिखाइल इंद्राणी के दास से हुए बच्चे हैं। मिखाइल गुवाहाटी में रहता है। दास ने कहा कि यदि उसने शीना की हत्या की है तो मैं चाहता हूं कि उसे फांसी से लटका दिया जाए, मैं बहुत व्यथित महसूस कर रहा हूं।
दास ने कोलकाता में कहा कि मैंने इंद्राणी से कभी शादी नहीं की। मैं इंद्राणी से 1986 में कॉलेज में मिला था। उसने मुझे 1989 में छोड़ दिया। हो सकता कि इंद्राणी मेरी स्थिति से संतुष्ट नहीं हो क्योंकि तब मेरे पास नौकरी नहीं थी। एक हफ्ते पहले इंद्राणी की गिरफ्तारी के बाद इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद से दास पहली बार सामने आए।
दास ने यह भी कहा कि शीना का असली पिता होने की पुष्टि के लिए यदि जरूरत पड़ी तो वह डीएनए जांच को तैयार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या इंद्राणी ने शीना की हत्या की है उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इंद्राणी ऐसा कर सकती है।
इस बीच महाराष्ट्र पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2012 में शीना बोरा का कथित तौर पर झुलसा हुआ शव मिलने के बाद रायगढ़ पुलिस द्वारा दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज करने में कथित तौर पर विफल रहने पर हो रही जांच में तत्कालीन पुलिस अधिकारियों से हुई कथित गलतियों के सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
जांचकर्ताओं ने बताया कि इंद्राणी और संजीव ने शीना के शव को अपने वाहन की सीट पर रखा और सबूत नष्ट करने के लिए उसे मुंबई से रायगढ़ लेकर गए। हालांकि न ही मुंबई के पुलिस आयुक्त राकेश मारिया और न ही संयुक्त पुलिस आयुक्त दीवान भारती मंगलवार को खार पुलिस थाने गए जहां चालक राय और संजीव खन्ना को रखा गया है। इंद्राणी सांताक्रूज पुलिस थाने में है।
रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद सुवेज हक ने बताया कि महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक द्वारा दिए गए जांच के आदेश पर छानबीन शुरू हो गई है। हक ने कहा कि जांच में तब के पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर बरती गई खामियों के सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा।
आईपीएस अधिकारी ने बताया कि पेण थाने को 23 मई 2012 को मौके पर झुलसा हुआ शव पड़ा होने की सूचना मिली। तीन कांस्टेबलों ने मौके का मुआयना किया और मौके पर पंचनामा किया। मौके पर पोस्टमार्टम करने के लिए एक डॉक्टर को बुलाया गया। तब मिले शव के अंगों को मुंबई के जेजे अस्पताल में भेजा गया। हक ने कहा कि थाने की डायरी में प्रविष्टि की गई। जांच यह पता लगाएगी कि क्यों एडीआर दर्ज नहीं किया गया।
पुलिस अधीक्षक ने हाल ही में कहा था कि एक प्राथमिक जांच में पता चला है कि पुलिस ने मुंबई के जेजे अस्पताल के अनाटॉमी विभाग से रिपोर्ट प्राप्त नहीं की थी जो कि जरूरी था। जांच यह भी पता लगाया जाएगा कि क्यों रिपोर्ट प्राप्त करने की कोशिश नहीं की गई।
मामले के वास्तविक दस्तावेजों को मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया है और जांच अधिकारी की गुजारिश पर शुक्रवार को कंकाल के अवशेषों को खोद के निकाला गया है। जांचकर्ताओं ने शुक्रवार को एक टीम भेजी थी जिसने रायगढ़ जिले में उस जगह पर खुदाई की जहां पर शव को फंेका गया था और खोपड़ी तथा कंकाल के कुछ अवशेष निकाले। डीएनए जांच के लिए कंकाल अवशेषों को कलीना स्थित फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को सौंपा गया है।