कौशाम्बी। जनपद में नाबालिक पीडि़ता से दुष्कर्म के मामले में पंचायत का एक तालिबानी फैसला सामने आया है। इस फैसले में बाद पीडि़ता नाबालिक लड़की को पंचायत के सामने चार डंडे मारे गए और फिर उसका जबरन पांच माह गर्भपात करा दिया गया। इतना ही नहीं गाव की पंचायत ने दुष्कर्म के आरोपी युवक के परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया है।
पंचायत के इस तालिबानी फैसले के बाद गाव में सन्नाटा पसरा है। पंचायत लगा लगा कर रेप पीडि़ता को न्याय देने की आड़ में हुए इस सनसनीखेज मामले में पुलिस अधिकारी अब जाँच की बात कह पीडि़ता को हर संभव न्याय देने की बात कह रहे है।
जिले के सैनी कोतवाली इलाके का यह घोसियाना गाव पिछले 25 अगस्त से दहसत के साये में है। गाव की गालिया सुनी है, इक्का दुक्का लोग ही सडको पर नजर आते है। मामला गाव की एक एक बेहद गरीब नाबालिक लड़की से पांच महीने पहले हुए दुष्कर्म से जुड़ा है।
जिसने 25 अगस्त की देर शाम के बाद तूल पकड़ लिया है। जिसके बाद गाव में बैठी पंचायत ने नाबालिक लड़की के साथ हुई हैवानियत के गवाह उसके पांच माह के गर्भ को नाजायज करार देते हुए उसको गिराने का फैसला सुनाया, और उसका गर्भपात उसकी माँ की मौजूदगी में डाक्टर बुलाकर करा दिया गया। इतना ही नहीं पीडि़ता को भरी पंचायत में उसके परिवार के सामने चार डंडे मारे गए।
काल्पनिक पीडि़ता का मामा सन्ने
देश में तालिबानी हुकूमत की तरह गाव में बैठी पंचायत ने पीड़िता के साथ अमानवीय बर्ताव करने के साथ ही दुष्कर्म के आरोपी युवक और उसके परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया गया। पंचायत के फैसले के बाद आरोपी युवक को गाव से बाहर निकाल दिया गया है।
काल्पनिक नाम ग्रामीण युवक साजिद अहमद
सैनी कोतवाली इलाके में तालिबानी पंचायत के फैसले की जानकारी पुलिस को हुयी तो वह हरकत में आई, आनन फानन में जाँच शुरू हुयी, तो गाव में हड़कम्प मच गया। पुलिस की दो दिनों से जारी जाँच में अभी तक पुलिस के अधिकारी न तो पीडि़ता के पास तक पहुंच सके है और न ही दुष्कर्म आरोपी युवक का ही पता लगा सके है।
पंचायत लगा कर दुष्कर्म पीडि़ता के साथ ज्यादती करने गाव में अब कभी न खत्म होने वाला सन्नाटा पसरा है। इस सन्नाटे को पिछले दो दिनों से पुलिस की साइरन बजाती गाडि़या गाव पहुंच कर तोड़ती है। सैनी पुलिस और अफसरों की गाडि़या गाव में दाखिल होती है तो ग्रामीणो की भीड़ पुलिस के पास जमा होती है।
लम्बी पुंछतांछ के बाद पुलिस पिछले दो दिन से बैरंग ही वापस लौट रही है। पुलिस की जारी जाँच में अब तक न तो पीडि़ता ही सामने आई है और न आरोपी युवक। इतना ही नहीं सैनी पुलिस अब तक यह भी नहीं पता लगा सकी है कि गाव में पंचायत लगाई किसने और कौन कौन लोग उस पंचायत में मौजूद थे। जबकि गाव के बाहर सैनी कोतवाली पुलिस की एक पुलिस चैकी घोसियाना गाव के बाहर की बनाई गई है।
तालिबानी पंचायत में नाबालिक लड़की के साथ हुए बर्ताव पर कौशाम्बी पुलिस के अधिकारी मामले की जानकारी मीडिया के हवाले से होने की बात कह रहे है , पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी का इस मामले पर साफ तौर पर कहना है कि दोनों पक्ष के परिजन ऐसी किसी घटना से ही इंकार कर रहे है, लेकिन फिर भी वह गांव की चर्चाओ के आधार पर ठोस कार्यवाही के लिए गाव के प्रधान को पूंछतांछ के लिए बुलाया है।
पीडि़ता को न्याय दिलाये जाने के सवाल पर कौशाम्बी के पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने भरोशा दिया है कि पूरे मामले पर यदि पंचायत बैठाई गई है तो कठोरतम कार्यवाही अमल में लाइ जाएगी।
कौशाम्बी के जिस गाव में दुष्कर्म पीडि़ता तालिबानी पंचायत का हुक्म थोपा गया , उस गाव की भौगोलिक स्थिति की बात की जाय तो वह गंगा नदी के किनारे बसा एक 350 से 400 लोगो की आबादी वाला गाव है। इस घोसियाना नाम के गाव में केवल एक वर्ग विशेष के लोग ही रहते है।
गंगा नदी के किनारे बसा है घोसियाना गाव इस गाव के बड़े बुजुर्ग बताते है कि इस गाव की आबादी तकरीबन 350 से 400 लोगो की हैं। गाव का मुख्य आमदनी का श्रोत जानवर पालन और दूध का कारोबार है। गांव के ज्यादातर युवक सालों से अरब देशों में काम करते है।
जनसँख्या के आकड़ो की बात करे तो गाव के बुजुर्ग साहब उद्दीन बताते है कि गाव में ज्यादातर घोषी बिरादरी के लोग रहते है । केवल 5 से 7 घर ही फकीर बिरादरी के लोग रहते है जो बेहद गरीब हालत में गुजर बसर करते है।
तालिबानी पंचायत को लेकर गांव में खबरचियों का लगा जमावड़ा
गांव में तालिबानी पंचायत और उसके फैसले की भनक मीडिया को होने के बाद मीडिया का जमावड़ा भी लग गया । पुलिस और मीडिया को देख गांव में कभी न टूटने वाला सन्नाटा पसर गया । जो लोग अब तक पुलिस से बात करने के लिए भीड़ की शक्ल में दिखाई देते थे वह मीडिया के कैमरों को देख घरो में दुबक गए।
पीडि़ता के परिवार से मीडिया ने बात करने की तमाम कोशिश की पर न तो पीडि़ता लड़की और न ही उसकी माँ ही मीडिया के सामने आने को तैयार हुए। पीडि़ता और उसके परिवार को इस बात का खौफ है कही उन्होंने मीडिया के सामने अपनी जुबान खोली तो गांव के प्रधान और पंचायत में शामिल लोग उनका गाव में जीना दुस्वार कर देंगे, तब उनकी मदद करने कौन सामने आएगा।
फिलहाल पीडि़ता और उसकी माँ के साथ जो रिस्तेदार मीडिया से बात कर रहे थे वह भी अब मीडिया कर्मियों को देखते ही खौफ से साये में आ जाते है। वही मामले का दूसरा पक्ष। ३३ आरोपी युवक का परिवार भी गाव के एक किनारे जानवरो के तबेले में दिन काट रहा है।
मीडिया कर्मियों ने जब आरोपी युवक के बारे पूंछा तो परिवार ने युवक को साफ तौर पर सामने लाने से मना कर दिया। इस पूरे घटना क्रम पर आरोपी युवक का परिवार भी मीडिया के सवालो से दूर भागता रहा।
राजनीतिक मुद्दा बना तालीबानी पंचायत का फरमान
कौशाम्बी में दुष्कर्म और फिर पंचायत के मामले पर अब सियासत भी गरमा गई है । पिछले तीन दिनों से जो मामला पुलिस और गांव के बीच में ही था अब वह कौशाम्बी की राजनीति का मुद्दा बन गया है।
सैनी कोतवाली इलाके में नाबालिक लड़की के साथ 5 माह पहले हुए दुष्कर्म और पीडि़ता को गर्भ ठहरने के बाद गांव की पंचायत में उसके साथ मार पीट की जानकारी अपना दल के नेताओ को हुई तो अपना दल की महासचिव पल्लवी पटेल किसान रैली के मंच से ही पीडि़ता के साथ होने का ऐलान कर दिया।
इतना ही नहीं अपना दल नेत्री ने इस मामले पर कौशाम्बी पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा किया। इतना ही नहीं अपना दल नेत्री पल्लवी पटेल के मुताबिक महिलाओ के साथ अपराध की बात पर सपा मुखिया बेतुका बयान देते है और उनकी पुलिस चार लोगो पर रेप के मुकद्दमे दर्ज करती है ऐसे में साफ है कि प्रदेश की सरकार महिलाओं से वोट की बात तो करती है पर सुरक्षा के नाम पर उन्हें बेसहारा छोड़ दिया जाता है।