जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में फरवरी महीने में जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जापानी महिला के साथ बलात्कार के अपराध में दोषी ठहराए गए तीन अभियुक्तों को स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को 20-20 साल की सजा सुनाई।
इस विदेशी पर्यटक से बलात्कार के अपराध में दोषी ठहराए गए तीन अन्य दोषियों के मामले में अदालत को अभी सजा सुनानी है। अदालत ने इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है।
जयपुर अतिरिक्त जिला न्यायाधीश गिरीश कुमार ओझा ने अपने फैसले में नौ आरोपियों में से छह को दोषी ठहराया। उन्होंने मुख्य आरोपी अजीत सिंह चौधरी के साथ ही उसके दोस्त अबरार और वाहिद को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डी के तहत दोषी ठहराते हुये बीस बीस साल की कैद की सजा सुनाई है।
लोक अभियोजक भवंर सिंह ने बताया कि न्यायाधीश ने इस मामलें में धर्मवीर, रविन्द्र, और राजवीर को बरी कर दिया है जबकि तीन अन्य दोषियों रामराज, शिवराज ओर रामवीर के मामले में फैसले का इंतजार है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। नौ आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डी सामूहिक दुष्कर्म, 366 अपहरण, 342 गलत तरीक से किसी को बंधक बनाए रखना और 120 बी अपराधिक षडयंत्र एवं अन्य धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
जयपुर से करीब ५० किलोमीटर दूर जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दूदू के पास मोजदमाबाद में आठ और नौ फरवारी की रात को जापानी युवती के साथ दुष्कर्म किया गया था। २० वर्षीय जापानी युवती पर्यटक के रूप में जयपुर आई थी और जलमहल गई थी।
जहां गाईड अजीत चौधरी ने उसे पर्यटन स्थलों पर घुमाने का प्रलोभन देकर अपने साथ लेकर गया था लेकिन दुष्कर्म के बाद उसे एक सुनसान इलाके में छोड़कर फरार हो गया था। एक राहगीर ने पीडि़ता को दूदू पुलिस थाने पहुंचाया जहां उसने मामला दर्ज कराया।
चौधरी ने स्वयं को पर्यटन गाईड बताया था और उसे पीडि़ता को दिन में अपनी मोटर साईकिल पर कुछ पर्यटन स्थलों पर घुमाया और रात में उसके साथ दुष्कर्म करके उसे दूदू के पास मोजमाबाद में एक सुनसान इलाके मेें छोड़कर फरार हो गया।
पुलिस ने 13 फरवरी को आरोपी अजीत सिंह चौधरी को अन्य लोगों की मदद से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में कुछ लोगों ने आरोपी की भागने में मदद की और साक्ष्य को नष्ट किए। दूदू पुलिस थाने के सर्किल अधिकारी और अनुसंधान अधिकारी राजेन्द्र सिंह ने इस मामलें में गहन अनुसंधान कर अदालत में दो सप्ताह में आरोप पत्र दाखिल किया था।