मुंबई। नाशिक सिंहस्थ कुंभ के साधुग्राम में शाही स्नान को लेकर साधुओं के बीच हिंसक झड़प हो गई। साधुओं के एक गुट की ओर से निकाले जा रहे जुलूस पर कुछ अखाड़ों के साधुओं ने विरोध जताया और विरोध जल्द ही हिंसक हो उठा।
तलवारें और लाठियां निकाल ली गईं। गुस्साए साधुओं ने वाहनों के कांच फोड़ दिए। यह देख पुलिस के पसीने छूट गए। जैसे तैसे हालात पर काबू पाया गया। पुलिस के अनुसार जंगलीदास महाराज के शिष्य परिवार का गंगापूजन और पर्व स्नान का कार्यक्रम था।
गौरतलब है कि ६ सितंबर को कावनई में पवित्र पर्व स्नान था, जिसके लिए हजारों की संख्या में ये परिवार सहित दोपहर तीन बजे के करीब गाजे-बाजे के साथ निकले।
तभी साधुग्राम में ठहरे तीन अनी अखाड़ों दिगंबर, निर्मोही और निर्वाणी अखाड़े के महंत सामने आए और बोले कि इस मार्ग से जाने की अनुमति आप लोगों को किसने दी।
इन्हीं के साथ इनके चेले-चपाटे और अन्य साधु भी तलवार-लाठियां लेकर सामने आ गए और जुलूस उसी मार्ग से लौटाने को कहने लगे, जिस मार्ग से जुलूस आ रहा था।
इसी बात पर बात बढ़ी और साधुओं ने जुलूस में शामिल लोगों को मारना शुरू कर दिया।
साधुओं के बीच संघर्ष होता देख पुलिस को पसीने छूटने लगे और अंत में पुलिस व प्रशासन ने दोनों पक्षों में समझौता कराया। जंगलीदास महाराज के शिष्यों ने साधुओं से विनती की। इसके बाद गाजे-बाजे शांत कर दूसरे मार्ग से जुलूस जाने दिया गया।