सबगुरु न्यूज- सिरोही/आबूरोड। बोल सुनकर जो संदेश देश और समाज लोगों तक नहीं पहुंचा पाया समाज को संमार्ग पर ले जाने को वो संदेश शनिवार को मूक-बधिरों ने पहुंचा दिया।
बोलने और सुनने में असमर्थ मूक बधिर संस्थान इंदोर के बच्चों की प्रस्तुति ने ब्रह्मकुमारी संस्थान की मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान डायमण्ड हॉल में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोगों को अपनी भाव-भंगिमाओं में नैतिकता का संदेश दे दिया।
सांस्कृतिक संध्या के दौरान मूक बधिर संस्थान इंदोर के मूक बधिर बच्चों ने एक नाटिका के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत व खुले में शौचमुक्त भारत का संदेश हो या फिर घर में पार्टी में तेज म्यूजिक से अपने आस-पडोस को परेशान करना और ड्राइविंग करते हुए मोबाइल फोन पर बात करने से होने वाले नुकसान का संदेश हो, सभी का इतना सटीक तरीके से दृश्यांकन किया कि दर्शक भी इसे सराहे बिना नहीं रह सके ।
लय के साथ थिरके कदम
इंदौर की मूक बधिर संस्थान के इन बच्चों ने नृत्य भी प्रस्तुत किया। नृत्य भी ऐसा कि कोई अहसास नहीं कर सकता कि इन बच्चों को डायमंड हॉल के स्पीकर्स में चल रहे गानों को वो सुन भी नहीं पा रहे थे। हर बोल और ताल के बदलने पर जिस तरह से मंच पर नाच रहे इन बच्चों के चेहरे हाव भाव और हाथ और पांवों की भंगिमाएं बदल रही थी, उसने सभी को चकित किया।
गाने भी ऐसे कि जिन पर थिरकने की सोचने पर इन्हें सुनने वाले लोग चाहकर भी अपने हाथ-पांव को लय और ताल के साथ सामंजस्य नहीं बैठा पाएं। नगाडे संग ढोल बाजे… गीत पर गरबे की धमक हो या गणपति बापा मोरिया और भारत में त्योहारों को दर्शाने वाले गाने हों, सभी पर ऐसी प्रस्तुति दी कि लोग वाकई इनके फन के कायल हो गए।
इस दौरान बैंगलोर के आशा सरला डांस ग्रुप, बेलगाम के डिवाइन एंजिल ग्रुप, पटियाला के हेरी शेरी ग्रुप ने भी संस्कृतिक प्रस्तुति दी। इंदोर के जीएसीसी के पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष राजीव शर्मा ने भी हॉल में हास्य-व्यंग्य की छटा बिखेरी।