सबगुरु न्यूज-सिरोही-आबू रोड। आनंद, अहिंसा एवं सद्भाव से परिपूर्ण समाज की संरचना करने में मीडिया सशक्त भूमिका निभाने में समर्थ है। जरूरत इस बात की है कि इस भागीरथी कार्य को सरअंजाम देने के लिए पहले मीडिया स्वयं मूल्यनिष्ठ बनें।
उक्त उद्गार राष्ट्रीय पिछड़ी जाति आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी.ईश्वरैया ने आज शांतिवन में ब्रह्माकुमारीज़ के मीडिया प्रभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन के दौरान व्यक्त किए।
इससे पूर्व देश के विभिन्न भागों से आए प्रख्यात पत्रकारों व संस्था के वरिष्ठ भाई-बहनों ने मुख्य अतिथि का ज्योति प्रज्ज्वलित करके उद्घाटन करने में साथ दिया। न्यायामूर्ति ईश्वरैया ने स्वतंत्रता अंदोलन के दौरान महात्मा गांधी द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में स्थापित किए गए आयामों का हवाला देते हुए कहा कि नकारात्मकता पर जब सकारात्मकता को अधिमान दिया जाएगा तो कोई भी शक्ति स्वर्णिम भारत के निर्माण में बाधा नहीं बन पाएगी।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा प्रचारित आध्यात्मिकता एवं राजयोग के अभ्यास से हम अपने लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त कर सकते हैं। आयोग के सदस्य डॉ.शकील अंसारी ने कहा कि यदि मीडिया सकारात्मक चिंतन का पहरेदार बनेगा तभी समाज को मूल्यनिष्ठ बनाना संभव होगा।
ब्रॉडकॉस्टिंग एडिटर्स एसोशिएशन के महासचिव एवं मूल्यानुगत मीडिया अभिक्रम समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एनके सिंह ने कहा कि भारतीय समाज मूल्यों के पतन के अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। मुम्बई के इंद्राणी मुखर्जी प्रकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सभ्यता सामाजिक संबंधों की गुणवत्ता पर आधारित है। लेकिन इस प्रकरण ने पूरे देश को झिंझोर कर रख दिया है।
मीडिया पर भले ही ऊंगलियां उठायी जाती है लेकिन यदि हम अपना दायित्व नहीं निभाएंगे तो न जाने कैसा तांडव हो जाएगा। मीडिया इससे पूर्व कभी इतना सशक्त नहीं था। अपनी स्वतंत्रता और निष्पक्षता से जुड़े मूल्यों के प्रहरी बनकर ही हम स्वस्थ एवं सुखी समाज के लिए ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा चलाए जा रहे अभियान में सहभागी बन सकते हैं।
प्रेस परिषद के सदस्य राजीव रंजन नाग ने कहा कि मूल्यों की गिरावट से न केवल भारत बल्कि पूरा विश्व प्रभावित हो रहा है। संतोष इस बात का है कि अन्य देशों की अपेक्षा भारत की स्थिति कहीं बेहतर है। दिन प्रतिदिन मीडिया में समाज का भरोसा सामाजिक सरोकारों से जुडऩे के कारण बढ़ा है। इस स्थिति को बेहतर बनाने के लिए प्रयास तेज करने होंगे।
संस्था के महासचिव बीके निर्वैर ने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि स्व-परिवर्तन से समाज और फिर पूरे विश्व को परिवर्तित किया जा सकता है। कलियुगी संसार में सच्चाई के रास्ते पर चलने के लिए सुदृढ़ मनोबल चाहिए। यह गुण आध्यात्मिक ज्ञान एवं ईश्वरीय अनुभवों से प्राप्त किया जा सकता है।
मीडिया प्रभाग के उपाध्यक्ष बीके करूणा भाई ने कहा कि दादी प्रकाशमणि के स्नेह से बंधे मीडियाकर्मियों ने ईश्वरीय संदेश और स्व-परिवर्तन से विश्व परिवर्तन का स्लोगन जन-जन तक पहुंचाने में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने इस अवसर पर प्रभाग के अध्यक्ष बीके ओमप्रकाश द्वारा भेजा गया संदेश पढक़र सुनाया जिसमें कहा गया है कि हिंसा व अशांति से देश को मुक्त बनाने में मूल्यनिष्ठ मीडिया अहम भूमिका निभा सकता है।
प्रख्यात पत्रकार प्रो.कमल दीक्षित ने मुख्य वक्तव्य में कहा कि संविधानिक निकाय अपने-अपने स्तर पर भले ही कितने उपाए करते रहे, लेकिन अभी भी समाज को स्वस्थ एवं सुखी बनाने का लक्ष्य प्राप्त नहीं हो पाया, परिवर्तन तो हुए लेकिन ज्यादा समय टिक नहीं पाए। महात्मा गांधी ने मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता का जो संदेश दिया उसे धारण करने की परम आवश्यकता है। अन्य निकायों की निगाहें भी अब परिवर्तन के लिए मीडिया पर टिकी हुई है। हमें उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
मुम्बई की लोकप्रिय टीवी एंकर सिमरण आहुजा ने गुरूनानक देव की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि मनुष्य जन्म पाने वाले अत्यंत सौभाग्यशाली हैं लेकिन उन्हें अपना जीवन खुशनुमा बनाने के लिए क्रोध, कपट, लोभ और तनाव का परित्याग करके शांति और सद्भाव का प्रसार करना होगा। इसके लिए प्रेरणा ब्रह्माकुमारीज़ संस्था से प्राप्त हो रही है।
मीडिया निश्चित रूप से सद्गुणों से परिपूर्ण समाज की संरचना में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। इंदौर से आए पत्रकारिता शिक्षाविद् एवं हास्य कवि डॉ.राजीव शर्मा ने कहा कि मूल्यनिष्ठ मीडिया स्वस्थ एवं सुखी समाज के निर्माण में सक्षम है।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में जब मूकबधिर संगठन इंदौर से आए कलाकारों ने मां सरस्वती शारदे…. गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया तो देश के विभिन्न प्रांतों एवं नेपाल से आए मीडियाकर्मी भाव-विभोर हो गए।