नई दिल्ली। दो निजी अस्पतालों के डेंगू से पीडि़त सात साल के एक बच्चे को भर्ती करने से इनकार करने के बाद हुई उसकी मौत तथा बाद में उसके दुखी माता-पिता की खुदकुशी की घटना के विरोध में बढ़ते जनाक्रोश के बीच केन्द्र ने इसकी जांच का आदेश दिया।
दिल्ली सरकार ने पांच बड़े अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि उनका पंजीकरण रद्द क्यों न कर दिया जाए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि उनके मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से 14 सितंबर तक रिपोर्ट मंागी है और इस बात पर बल दिया कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे तथा जिन अस्पतालों ने डेंगू के इलाज के सिलसिले में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रोटोकाल का पालन नहीं किया, उनके विरूद्ध कार्रवाई होगी।
बच्चे का अंतिम संस्कार करने के बाद दुखी माता-पिता ने चार मंजिले मकान की छत से कूदकर अपनी जान दे दी। यह घटना दक्षिण दिल्ली के लाडो सराय की है। दंपती की पहचान लक्ष्मीचंद्र राउत और बबीता राउत के रूप में की गई है। वे ओडिशा के रहने वाले थे। उन्होंने उडिय़ा में लिखे अपने एक पेज के सुसाइड नोट में कहा है कि इसमें किसी की गलती नहीं है और यह उनका अपना निर्णय है।
दंपती का एक मात्र बेटा अविनाश संदिग्ध रूप से डेंगू से पीडि़त था। दो प्रमुख अस्पतालों ने उसे भर्ती करने से कथित रूप से इनकार कर दिया था जिसके बाद आठ सितंबर को उसकी मौत हो गई थी। नड्डा ने कहा कि डेंगू की वजह से दिल्ली में हुई बच्चे की मौत और बाद में उसके माता-पिता द्वारा आत्महत्या करने की घटना की मैंने जांच का आदेश दिया है। इस घटना की खबर मीडिया में आयी है। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। मैंने दिल्ली सरकार से रिपोर्ट मंागी है। मैंने उससे अविलंब रिपोर्ट देने को कहा है। यह बड़ी दुखद घटना है।
उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों को डेंगू के मरीजों के लिए कुछ निश्चित बेड रखने को कहा गया है। दिल्ली समेत सभी राज्यों को ऐसे मामलों के संबंध में प्रोटोकोल से अवगत कराया गया है और प्रोटोकोल का पालन करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के साथ भी पूरी कवायद को अंजाम दिया गया। हमने निगम पार्षदों की एक कार्यशाला की थी। प्रोटोकोल तय किए गए हैं और उन्हें उसका पालन करना है। यदि प्रोटोकोल का पालन नहीं किया गया है तो कार्रवाई होगी।
पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत मामले की तहकीकात शुरू की है। राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू से मरने वालों की संख्या अब पांच हो गई है। दिल्ली सरकार ने मूलचंद अस्पताल, आकाश अस्पताल मालवीय नगर, साकेत सिटी अस्पताल, मैक्स अस्पताल साकेत और इरीन अस्पताल कालकाजी को एक मरीज को भर्ती करने से कथित रूप से इनकार करने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन अस्पतालों से एक महीने में इस बात का जवाब मंागा गया है कि गंभीर हालत वाले एक मरीज को भर्ती करने से कथित रूप से इनकार करने पर क्यों न उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाए। इस मरीज की बाद में मौत हो गई थी।