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अजमेर बुर्जुगों का शहर ना रह जाए : अमित शास्त्री - Sabguru News
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अजमेर बुर्जुगों का शहर ना रह जाए : अमित शास्त्री

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अजमेर बुर्जुगों का शहर ना रह जाए : अमित शास्त्री
Small Industries Association Business Seminar in ajmer
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अजमेर। आर्यभट्ट ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के निदेशक डॉ. अमित शास्त्री ने लघु उद्योगपतियों का आह्वान किया कि वे अपने उद्योग के विस्तार के साथ रोजगार सृजन पर भी ध्यान दें ताकि उन्हें अपने उद्योग के लिए ह्यूमन रिसोर्स लोकल ही मिल सके। अन्यथा वह दिन दूर नहीं जबकि अजमेर सिर्फ बुर्जुगों का शहर बन कर रह जाएगा।

डॉ. अमित शास्त्री रविवार को हरिभाऊ उपाध्याय नगर स्थित लघु उद्योग भवन में लघु उद्योग संघ की ओर से आयोजित बिजनस सेमिनार के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। शास्त्री ने लघु उद्योगपतियों को तकनीकी शिक्षण संस्थानों से सत्त सम्पर्क कायम करने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि लघु उद्यमियों को उनके लिए उपयोगी, निष्ठावान और तकनीकी दृष्टि से हुनरमंद या काबिलियत रखने वाले कर्मचारी की हर समय आवश्यकता महसूस होती रहती है।

लघु उद्यमियों को चाहिए कि वे तकनीकी शिक्षण संस्थानों से चर्चा कर अपने लिए उपयोगी विद्यार्थियों को उन्हीं की प्रयोगशालाओं में तैयार करे। उन्होंने कहा कि वे उनके लिए आवश्यकता के अनुसार पाठ्यक्रम में पन्द्रह-बीस प्रतिशत तक बदलाव भी कर सकते हैं।

शास्त्री ने कहा कि आज के दौर का विद्यार्थी तकनीकी पढ़ाई करने के साथ ही ऊंचे सपने संजोने लगता है। अच्छे पैकेज की नौकरी चाहता है। जबकि उसके पास प्रेक्टिकली अनुभव नहीं होता।

शास्त्री ने उद्यमियों को निवेदन किया कि वे विद्यार्थियेां को तकनीकी शिक्षण संस्थान से हफ्ते-दस दिन के लिए अपनी इंडस्ट्री में ले जाएं। उन्हें इंडस्ट्री की कार्यसंस्कृति और कार्यव्यवहार से अवगत कराए। इससे विद्यार्थियों को प्रेक्टिकली अनुभव मिलेगा साथ उद्यमियों को अच्छे और काम के कर्मचारियों की खोज पूरी हो जाएगी।

शास्त्री ने चिंता जाहिर की कि अजमेर में हर दूसरे घर में सिर्फ माता पिता ही अकेले रह गए है। युवाओं की सोच है कि अजमेर में करने को कुछ नहीं है। उन्हें कमाने-खाने के लिए अजमेर से बाहर ही जाना होगा। ऐसे हालात में श्रेष्ठ रोजगार की तलाश में यहां की प्रतिभाओं का पलायन हो रहा है।

यह उद्योग और उभरते उद्यमियों दोनों के लिए ही चिंता का विषय है। जिस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। इससे पूर्व सेमिनार को वी.सी मूर्ति ने संबोधित किया। उन्होंने आज के दौर में उद्योगों की दशा और दिशा पर विस्तार से प्रकाश डाला।

पुस्तैनी उद्योगों के लिए नई पीढ़ी ही चुनौती बनती जा रही है। नई पीढ़ी के युवाओं को पुस्तैनी उद्योग या तो पसंद नहीं होता अथवा उद्योग की व्यवस्थाएं उनके अनुकूल नहीं होती। इस कारण वे उसमें मन लगा कर काम करना पसंद नहीं करते।

मूर्ति ने युवा उद्यमियों को उद्योग के विस्तार और विकास के साथ ह्यूमन रिसोर्स की सतत उपलब्धता के बारे में समझाया। सेमिनार के प्रारम्भ में संघ के अध्यक्ष पंकज सिंघल ने सभी आगन्तुकों को स्वागत किया। अंत में अनके उद्यमियों ने वी सी मूर्ति से सवाल जवाब किए। संघ से सचिव राजेश शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।