नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने शनिवार को यह कहते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया कि वह अपना पूरा ध्यान सिख विरोधी दंगों से संबंधित मामलों पर लगाना चाहते हैं जो महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं।
बहहाल फुल्का ने स्पष्ट किया कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि वह आप का अभिन्न हिस्सा बने रहेंगे जिसके बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी के पंजाब में अगला विधानसभा चुनाव जीतने के पूरे पूरे आसार हैं।
इस वरिष्ठ वकील ने इन अफवाहों को गलत साबित करने का प्रयास किया कि उन्हें पार्टी में दरकिनार कर दिया गया है। फुल्का ने कहा कि उन्होंने आप के कानूनी प्रमुख, प्रवक्ता और कार्यकारिणी सदस्य सहित पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया है। फुल्का का यह कदम ऐसे समय में आया है जबकि आप की पंजाब इकाई में अंदरूनी लड़ाई चल रही है।
पार्टी ने हाल में पंजाब के अपने चार में से दो सांसदों को निलंबित किया है। निष्कासित नेता योगेन्द्र यादव का समर्थन करने वाले सांसद धरमवीर गांधी तथा हरिन्दर सिंह खालसा को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों में निलंबित किया गया है। फुल्का ने अपने निर्णय की यहां संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की।
उन्होंने कहा कि वह सिख विरोधी मामलों को पूरा ध्यान देना चाहते हैं जो महत्वपूर्ण चरण में है। उन्होंने कहा कि अब सज्जन कुमार एवं जगदीश टाइटलर के मामले महत्वपूर्ण चरण में हैं। इन मामलों की सुनवाई चल रही है तथा गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। मेरा मानना है कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर इन मामलों और इन मुद्दों पर मुझे पूरा ध्यान देना चाहिए।
फुल्का ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के साथ विस्तृत चर्चा और उनकी स्वीकृति के बाद सामूहिक रूप से यह फैसला किया गया कि मैं सक्रिय राजनीति छोड़ दूं और पार्टी पदों से इस्तीफा दे दूं जिससे कि मैं पीडि़तों को न्याय दिलाने पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर सकूं।