नई दिल्ली। क्रिकेट के सबसे कद्दावर प्रशासकों में से एक जगमोहन डालमिया की ताकत और रूतबे का लोहा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) ने भी माना था और 2001 में दक्षिण अफ्रीका दौरे में हुये डेनिस प्रकरण में डालमिया ने दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया था।
डालमिया आईसीसी में भारत के पहले अध्यक्ष बने थे। उन्हें 1997 में सर्वसम्मति से आईसीसी का अध्यक्ष चुना गया था। आईसीसी में अपने कार्यकाल के बाद डालमिया 2001 में पहली बार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष बने थे।
उसी साल डालमिया का डेनिस प्रकरण को लेकर आईसीसी के साथ एक बड़ा विवाद हुआ था जिसकी गूंज भारतीय संसद में भी सुनाई दी थी और इस मामले में डालमिया ने नैतिक रूप से जीत
हासिल की थी। डेनिस प्रकरण में सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज खिलाड़ी पर बॉल टेम्परिंग के आरेाप लगने और पांच अन्य भारतीय खिलाडिय़ों को सजा सुनाए जाने के बाद डालमिया ने कड़ा रुख अपनाते हुए दक्षिण अफ्रीका दौरा रद्द करने की चेतावनी दे दी थी।
डालमिया के कड़े रुख के कारण ही दक्षिण अफ्रीका ने इस प्रकरण में आईसीसी के बजाय बीसीसीआई का समर्थन किया। दरअसल यह वाक्या नवंबर 2001 का है जब भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पोर्ट एलिजाबेथ में टेस्ट मैच के दौरान आईसीसी के मैच रेफरी और पूर्व इंग्लिश खिलाड़ी माइक डेनिस ने छह भारतीय खिलाडिय़ों को विभिन्न अपराध के लिए दोषी करार दे दिया था।