शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आवासों व अन्य परिसरों पर सीबीआई की छापेमारी के बाद प्रदेश कांग्रेस विधायक दल ने रविवार को शिमला में एक बैठक कर वीरभद्र सिंह को खुला समर्थन देने का एलान किया।
विधायक दल ने विवाह समारोह के अवसर पर सीबीआई की छापेमारी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरूपयोग करने आरोप लगाया। मुख्यमंत्री के इस्तीफे की विपक्षी दल भाजपा की मांग को सभी विधायकों ने एक स्वर से खारिज कर दिया।
सत्ताधारी दल ने इस बैठक में एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया गया है।
कांग्रेस विधायक दल ने यह भी प्रस्ताव पास किया है कि प्रदेश कांग्रेस राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपेगी, जिसमें राज्य की लोकतांत्रिक तौर पर निर्वाचित लोकप्रिय कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए प्रदेश भाजपा नेताओं के इशारे पर केन्द्रीय भाजपा नेतृत्व द्वारा राजनीतिक विद्वेष की भावना से की गई कार्रवाई की पूरी जानकारी दी जाएगी।
वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री व विधायक आशा कुमार ने बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि “पार्टी का राष्ट्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व और विधायक दल मुख्यमंत्री के साथ खड़ा है। वीरभद्र सिंह हमारा नेतृत्व कर रहे हैं और करते रहेंगे।“
उन्होंने कहा कि “केन्द्र सरकार भाजपा शासित राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र में उजागर हुए विभिन्न घोटालों जैसे व्यापक पीडीएस घोटाला, खनन घोटाला व चिक्की घोटालों में उन्हें संरक्षण देकर दोहरे मापदंड अपना रही है, जिसकी सीबीआई द्वारा शीघ्र जांच होनी चाहिए और कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। इसी प्रकार, सुषमा स्वराज द्वारा ललित मोदी के खुल्लमखुल्ला संरक्षण का मामला है।“
आबकारी मंत्री प्रकाश चैधरी और सीपीएस नीरज भारती को छोड़कर कांग्रेस के अन्य सभी मंत्री-विधायक इस आपात बैठक में मौजूद रहे। विदेशी दौरे के कारण ये दोनों बैठक का हिस्सा नहीं बन पाए। करीब दो घंटे तक चली बैठक में चार निर्दलीय विधायकों ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक में वीरभद्र विरोधी खेमे के जाने वाले कौल सिंह, जीएस बाली और आशा कुमारी भी उपस्थित रहे।
बता दें कि सीबीआई की छापेमारी के बाद विधायक दल की बैठक पर सबकी निगाहें लगी हुईं थीं। कांग्रेस के सभी मंत्रियों व विधायकों के बैठक में शामिल होने और मुख्यमंत्री को खुला समर्थन देने से प्रदेश में गुटबाजी की अटकलों को भी विराम लग गया है।