अहमदाबाद। गुजरात में पटेल समुदाय के वास्ते अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी कोटे में आरक्षण के लिए आंदोलन चला रहे हार्दिक पटेल ने मंगलवार को कहा कि समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन पूर्व निर्धारित योजना के तहत जारी रहेगा तथा सौराष्ट्र क्षेत्र में जल्द ही पटेल महिलाओं की एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी।
हार्दिक ने हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए गुजरात सरकार पर दबाव बनाने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई अन्य कार्यक्रम करने की घोषणा की। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक ने कहा कि एक अक्तूबर को हम उमेश पटेल की मौत पर संवेदना जताने के लिए राजकोट में एक कार्यक्रम करेेंगे जिसने आत्महत्या कर ली थी।
उसके बाद हमने चार अक्तूबर को साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में हमारे समुदाय की एक बड़ी सभा आयोजित की है। उमेश पटेल ने कथित तौर पर शनिवार को आत्महत्या कर ली थी और अपने सुसाइड नोट में कहा था कि वह यह कदम आरक्षण के लिए मांग के समर्थन में उठा रहा है। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि पुलिस आत्महत्या के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए जांच कर रही है।
हार्दिक ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि सरकार उचित जांच नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि यद्यपि सुसाइड नोट उपलब्ध है, सरकार इसके बावजूद कारणों का पता लगाने के लिए जांच की बात कर रही है। वह गोलीबारी और पुलिस अत्याचार 25 अगस्त को पटेलों की रैली के बाद की मुख्य जांच को लेकर गंभीर नहीं है। हमारा आंदोलन पूर्व के कार्यक्रम के तहत जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र क्षेत्र में पटेल महिलाओं की होने वाली रैली 25 अगस्त को अहमदाबाद में आयोजित रैली जितनी बड़ी होगी। हार्दिक के नजदीकी सहयोगी दिनेश पटेल ने कहा कि हमने अभी तक इस रैली के लिए स्थान और तिथि का निर्णय नहीं किया है। हम इसे हिम्मतनगर में अपनी रैली के बाद तय करेंगे, जहां कम से कम दो लाख पटेलों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
सुनवाई के दौरान मीडिया को नहीं मिली अनुमति
पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के अपहरण का आरोप लगाने वाली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के दौरान गुजरात उच्च न्यायालय के अंदर मंगलवार को मीडिया को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। उच्च न्यायालय की सुरक्षा के प्रभारी पुलिस निरीक्षक दिग्विजय सिंह जडेजा ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों के पास शीर्ष अधिकारियों के प्रवेश पास के बगैर मीडियाकर्मियों को अंदर जाने की अनुमति नहीं देने के आदेश थे।
जडेजा को बताया गया कि द्वार संख्या दो के पास रोके गए प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के करीब 25 संवाददाताओं के पास ई पास या उच्च न्यायालय द्वारा जारी ई पास या भौतिक पास मौजूद हैं, उन्होंने कहा कि वह अनुमति नहीं दे सकते क्योंकि उनके पास अदालत का आदेश है। उन्होंने कहा कि सोमवार रात उच्च न्यायालय के अधिकारियों की बैठक थी जिसमें संवाददाताओं को जाने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया गया।