स्टॉकहोम। चीन, जापान और अमरीका के तीन वैज्ञानिकों को मलेरिया और अन्य उष्णकटिबंधिय बीमारियों से लडऩे के लिए प्रभावी दवाईयों की खोज करने के लिए इस वर्ष चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है।
स्टॉकहोम की नोबेल ज्यूरी ने आयरलैंड में जन्मे अमरीकी नागरिक विलियम कैम्पबेल, जापान के सातोशी ओमुरा और चीन की यूयू तु वोन को चिकित्सा नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की है। कैम्पबेल 1962 में अमेरिकी नागरिक बने जबकि तु मेडिसिन के क्षेत्र में नोबेल पाने वाली पहली चीनी नागरिक हैं।
कैम्पबेल और ओमुरा ने एक नई दवाई ‘एवेरमैक्टिन’ खोजी है, जिसके यौगिकों ने ‘रिवर ब्लाइंडनेस’ और ‘लिम्फैटिक फिलारिआसिस’ की घटनाओं को काफी हद तक कम करने में सफलता पायी है। परजीवी कृमियों द्वारा होने वाली इन बीमारियों से अफ्रीका और एशिया में लाखों की संख्या में लोग प्रभावित हैं। दूसरी ओर तु ने एक दवाई ‘अर्टेमाइसिनिन’ खोजी है जिसके कारण मलेरिया से होने वाली मौतों में प्रभावी रूप से कमी आई है।
नोबेल समिति ने कहा कि इन दोनों खोजों ने मानवता को इन बीमारियों से लडऩे का नया शक्तिशाली तरीका दिया है, जिनसे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते थे। इसके कारण मानव स्वास्थ्य में आयी बेहतरी और लोगों की तकलीफों में हुई कमी बेहद महत्वपूर्ण है। रिवर ब्लाइंडनेस नेत्र और त्वचा रोग है, जिससे अंतत व्यक्ति की दृष्टि पूरी तरह खत्म हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बीमारी के करीब 90 प्रतिशत मामले अफ्रीका में आते हैं।
‘लिम्फैटिक फिलारिआसिस’, जिसे सामान्य भाषा में ‘फलेरिया या हाथी पांव’ कहते हैं, के कारण अंगों या गुप्तांगों में सूजन हो जाती है और इससे प्रभावित सबसे ज्यादा अफ्रीका और एशिया के लोग हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि करीब 12 करोड़ लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं और, इनके अलावा करीब चार करोड़ लोग विकलांग या अक्षम हो चुके हैं।
आयरलैंड में जन्मे 85 वर्षीय कैम्पबेल न्यूजर्सी के मेडिसन स्थित ड्रियू विश्वविद्यालय के ‘रिसर्च फेलो एमिरेटस’ हैं। 80 वर्षीय ओमुरा जापान के मध्यवर्ती हिस्से से हैं और वह देश के किटासाओविश्वविद्यालय में ‘प्रोफेसर एमिरेटस’ हैं। 84 वर्षीय तु चाइना एकाडमी ऑफ ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन में मुख्य प्रोफेसर हैं।
अवकाश प्राप्त कर चुके कैम्पबेल ने अपने जीवन का 33 साल फर्मास्यूटिकल कंपनी मर्क में गुजारा है और फिलहाल मैसाचुसेट्स के नॉर्थ एंडोवेर में रहते हैं। उनका कहना है। कि नोबेल उनके लिए बहुत बड़े अचम्भे के रूप में है। कैम्पबेल ने कहा कि मर्क और कंपनी में यह लोगों का बहुत ही अच्छा ‘टीमवर्क’ था। दूसरी ओर जापानी नागरिक ओमुरा ने आश्चर्य जताया कि क्या वह वाकई नोबेल के हकदार हैं।
जापानी प्रसारक ‘एनएचके’ को ओमुरा ने कहा कि मैंने सूक्ष्मजीवियों से बहुत कुछ सीखा है और मैं उनपर बहुत निर्भर हूं, ऐसे में मैं संभवत या पुरस्कार सूक्ष्मजीवियों को दे दूं। नोबेल पुरस्कारों की घोषणा इस पूरे सप्ताह जारी रहेगी। भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल की घोषणा मंगलवार को की जाएगी। जबकि रसायन शास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा बुधवार को होगी।
बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा होगा। शुक्रवार को ओस्लो में नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा होगी जबकि 12 अक्तूबर को अंतिम नोबेल पुरस्कार, अर्थशास्त्र के नोबेल की घोषणा की जाएगी। इन सभी हस्तियों को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित एक औपचारिक समारोह में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। नोबेल शांति पुरस्कार देने के लिए 10 दिसंबर को ही ओस्लो में अलग समारोह का आयोजन किया जाएगा।