मुम्बई। मुम्बई की एक अदालत ने शीना बोरा हत्या मामले में इंद्राणी मुखर्जी, उनके पूर्व पति संजीव खन्ना और चालक श्याम राय की न्यायिक हिरासत सोमवार को 19 अक्तूबर तक बढ़ा दी।
वहीं सीबीआई ने उनसे जेल में पूछताछ करने के लिए अनुमति मांगी। जेजे अस्पताल ने कहा कि इंद्राणी होश में है और उस पर इलाज का असर हो रहा है।
43 वर्षीय इंद्राणी की शुक्रवार को बाईकुला जेल में जब तबीयत खराब हो गई थी तब उन्हें जे जे अस्पताल में ही भर्ती कराया गया था। सरकारी जे जे अस्पताल के डीन डा. टी पी लहाने ने बताया कि इंद्राणी को रविवार को होश आ गया था।
संभवत हम इलाज के अगले दौर के लिए उसे मुंह से खाने की चीजें देना शुरू कर सकते हैं।
पुत्री शीना की हत्या मामले में मुख्य आरोपी इंद्राणी और सह आरोपी खन्ना और राय की न्यायिक हिरासत मजिस्ट्रेट एम आर नटू ने 19 अक्तूबर तक बढ़ा दी। खन्ना और राय को एस्पलेनैड अदालत में मजिस्ट्रेट के समक्ष वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया।
जेल अधिकारियों ने इंद्राणी का वारंट अदालत में भेजा। सीबीआई ने तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए अदालत को बताया कि आगे की जांच के लिए उसे हिरासत आगे बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि मामले को हाल में जांच एजेंसी को सौंपा गया है।
न्यायिक हिरासत बढऩे के कुछ ही देर बाद जांच एजेंसी ने एक अर्जी दायर करके तीनों से जेल में पूछताछ करने की अनुमति मांगी। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि हमने एक अर्जी दायर करके जेल में तीनों आरोपियों से पूछताछ करने की अनुमति मांगी है क्योंकि हम उनकी और पुलिस हिरासत की मांग नहीं कर सकते। सीबीआई की अर्जी पर अदालत में कल सुनवाई होने की उम्मीद है। एजेंसी ने उनसे पूछताछ करने के लिए कम से कम तीन सप्ताह की अनुमति मांगी है।
इंद्राणी, खन्ना और राय को शीना की अप्रेल 2012 में हत्या करने और उसके शव को रायगढ़ के जंगल में ठिकाने लगाने के आरोप में गत अगस्त में गिरफ्तार किया गया। 24 वर्षीय शीना की कथित तौर पर कार में गला दबाकर हत्या कर दी गई और उसके बाद उसके शव को मुम्बई से 84 किलोमीटर दूर रायगढ़ जंगल में जलाकर ठिकाने लगा दिया गया।
इस मामले की जांच शुरू में मुम्बई पुलिस ने तत्कालीन पुलिस आयुक्त राकेश मारिया की देखरेख में की। मामले की जांच बाद में महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई को सांैप दी। जांच एजेंसी ने पिछले महीने तीनों आरोपियों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया।
इंद्राणी के अस्पताल में भर्ती होने के बाद उसके द्वारा जेल में रहने के दौरान संदिग्ध रूप से अधिक दवा लेने की विरोधाभासी खबरें आ रही हैं। दोनों विरोधाभासी खबरों के बारे में पूछे जाने पर जिसमें से एक में कहा गया था कि इंद्राणी ने अधिक मात्रा में दवाएं लीं जबकि दूसरे में कहा गया कि इसका पता नहीं चला, जे जे अस्पताल के डीन ने कल कहा कि ये दोनों अलग अलग तरह की जांच हैं।
लहाने ने कहा कि एक स्क्रीनिंग जांच होती है जो हमें एक संकेत देती है कि मरीज का इलाज कैसे करना है। दूसरा पुष्टिकारक परीक्षण होता है जो केवल फोरेंसिक प्रयोगशाला द्वारा किया जाता है।
यह विश्वसनीय और प्रमाणिक है। यह पूछे जाने पर कि दवा अधिक मात्रा में लेने की रिपोर्ट गलत है, उन्होंने कहा कि अधिक मात्रा में दवा लेने की जो भी बात हुई है, हम उसे दो दिन में समझा सकते हैं। हमने एमआरआई की जिसमें मस्तिष्क सामान्य पाया गया। हमने क्लीनिकल जांच निष्कर्ष के आधार पर अन्य जांच की, जिसके आधार पर निदान किया गया।
उन्होंने कहा कि तदनुसार उसे उचित इलाज दिया गया और जिसका असर हुआ। लहाने ने शनिवार को कहा था कि इंद्राणी के मूत्र के नमूने की हिंदुजा अस्पताल प्रयोगशाला में हुई जांच में इसकी पुष्टि हुई कि अवसाद निरोधक दवा ‘बेंजोडायजीपीन’ का स्तर बढ़ा हुआ है।