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नवरात्रि में विशेष संयोग, इस बार 10 दिन होगी माता की आराधना - Sabguru News
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नवरात्रि में विशेष संयोग, इस बार 10 दिन होगी माता की आराधना

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नवरात्रि में विशेष संयोग, इस बार 10 दिन होगी माता की आराधना
Navratri special circumstances, will be 10 days of mata worship
Navratri special circumstances, will be 10 days of mata worship
Navratri special circumstances, will be 10 days of mata worship

भोपाल/इंदौर। इस साल नवरात्रि का शुभारंभ विशेष संयोग में होने जा रहा है। वहीं, माता की आराधना दस दिनों तक चलेगी।

राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में नवरात्रि की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। इस ओर जहां प्रदेशभर में जगह-जगह मंडप और पांडाल सजाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ युवाओं में गरबा को लेकर काफी उत्साह है और वे अपनी मंडली के साथ डांडिया की तैयारियों भी जुटे हुए हैं। जगह-जगह गरबा का प्रशिक्षण चल रहा है, ताकि नवरात्रि में आयोजित गरबा समारोहों में उन्हें मौका मिल सके।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश समेत देशभर में माता का आराधना का पर्व नवरात्र धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व को लेकर बार भी पूरे प्रदेश में तैयारियां चल रही हैं। पं. धर्मेन्द्र शास्त्री ने हिस बताया कि इस बार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष में दो प्रतिपदा होने के कारण माता की आराधना के पर्व नवरात्र का महोत्सव दस दिनों तक चलेगा। 13 अक्टूबर से आरंभ होने वाले विशेष संयोग के नवरात्र में इस साल दो प्रतिपदा होगी। घटस्थापना पर विशेष संयोग बन रहे हैं। इस बार नवमी और दशहरा एक ही दिन मनेगा। 22 अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्र में दस महाविद्या की आराधना भी होगी। इस नवरात्रि में बुधादित्य योग बनेगा।

पं. अरविद तिवारी ने बताया कि इस साल शारदेय नवरात्र की शुरुआत  वैधृति योग में होने जा रही है। 13 व 14 अक्टूबर को प्रतिपदा होने से इस बार माता की आराधना के नौ के बजाए दस दिन होंगे। पिछले कुछ सालो से नवरात्र जहां 8 दिन के हो रहे हंै, वहीं इस साल पूजन के लिए एक दिन का अधिक समय मिलेगा। दस दिनी नवरात्र में दस महाविद्या की आराधना का योग भी मिलेगा। 13 अक्टूबर को होने वाली घटस्थापना पर चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग है।

शास्त्रों के अनुसार  चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग होने पर दोपहर के समय अभिजित मुहूर्त में घटस्थापना की जाना शुभ फलदायक होता है। नवरात्र में  तिथियों का भी विचित्र संयोग देखने को मिलेगा। प्रतिपदा तिथि अहोरात्र रहेगी। 14 को भी प्रतिपदा सुबह 8 बजकर 1 मिनट  तक रहेगी । प्रतिपदा के बाद की सभी तिथियां दोपहर से  बदल जाएंगी।

22 अक्टूबर को महानवमी सुबह 11.58 बजे तक रहेगी इसके बाद दशमी तिथि लग जाएगी।  एक ही दिन में दो तिथियों के आने से नवमी व दशहरा एक ही दिन रहेगा। इस बार नवरात्रि में बुधादित्य संयोग भी बनेगा। माता की आराधना के इस पर्व पर बनने वाले विशेष योग संयोग का असर आराधना करने वाले साधकों के जीवन को भी प्रभावित करेगा। पहले दिन से ही माता के पूजन के लिए अलग विधान भी रहेगा। शारदेय नवरात्रों में हर साल की तरह माता की आराधना जगरातों व गरबों के साथ होगी। दशहरे के दिन तक चलने वाले इस आयोजन के बाद ही विर्सजन किया जाएगा।

रावण दहन को भी रात में माता की पूजा, आराधना व गरबों का दौर जारी रहेगा। नवरात्र में आने वाले इस अनूठे योग संयोग में पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। विद्वान ब्राह्मणों के अनुसार नवरात्रों में बनने वाले इन योगों में खरीददारी के भी विशेष मुहूर्त होंगे। इस बार धनतेरस से पहले ही शुभ मुहुर्त होने से  जमकर खरीददारी की जाएगी।

श्राद्धपक्ष के समाप्त होते ही सराफा बाजार सहित अनेक प्रतिष्ठान सजने लग जाएंगे। दिवाली से पहले ही व्यापारियों की चांदी हो जाएगी। दुकानदारों ने भी इस मौके का फायदा उठाने के लिए विशेष आफर देने की तैयारी कर ली है। योजनाओं को लेकर वे अभी से जनता के बीच जाने लगे हैं।