गुवाहाटी। असम के पहाड़ी क्षेत्र डिमा हसाउ स्वायत्तशासी परिषद में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद असम प्रदेश कांग्रेस को गहरा आघात लगा है। कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर हार्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया है।
कांग्रेस के अनुसार किसी भी तरह राज्य की सत्ता कब्जाने के लिए भाजपा परेशान है। डिमा स्वायत्तशासी परिषद चुनावों में मुंह की खाने के बाद नीतियों और आदर्शों को ताक पर रखते हुए पूर्व उग्रवादियों को विभिन्न संगीन मामलों से मुक्त दिलाने का भरोसा देकर कांग्रेस समूह के कुल 12 सदस्यों को कांग्रेस के आठ सदस्यों के साथ तोड़कर डिमा हसाउ स्वायत्तशासी परिषद का गठन करने में जुटी हुई है।
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और मीडिया विभाग के संयोजक रिपुन बोरा की ओर से यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि परिषद के चुनाव में कांग्रेस के 19 सदस्यों की जीत हुई थी। जिसके चलते कांग्रेस ने अकेले ही बहुमत हासिल किया था।
तीस सदस्यीय परिषद में कांग्रेस एक दिन पहले तक सुचारू रूप से कार्यों का निर्वाह करती आ रही थी। अचानक भाजपा ने पिछले दरवाजे का खेल खेलकर पूर्व उग्रवादी संगठन डीएचडी नुनीसा गुट के तीन, ज्वेल गुट के पांच और आईपीएफ के चार तथा कांग्रेस के 8 सदस्यों को अपनी ओर मिला लिया है।
बोरा के अनुसार नुनीसा और ज्वेल गुट के सदस्यों के खिलाफ उग्रवादी गतिविधियों, हत्या, लूट, धन उगाही, बम विस्फोट आदि के विभिन्न अभियोग एनआईए, सीबीआई और प्रवर्तन विभाग में कई मामले चल रहे हैं। ऐसे दागी लोगों के साथ मिलकर भाजपा स्वायत्तशासी परिषद गठित कर रही है। यह उसकी चरम अवसरवादिता और सत्ता केंद्रित राजनीति का नमूना है।
उन्होंने कहा है कि यह हार्स ट्रेडिंग का भी संकेत देता है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष के अनुसारइस तरह तिवा स्वायत्तशासी परिषद में भी भाजपा ने गंदा खेल खेला है। हालांकि पिछले चुनाव में कांग्रेस वहां बहुमत हासिल नहीं कर पाई थी।
लेकिन 30 में से 15 स्थानों पर कांग्रेस को जीत नसीब हुई थी। भाजपा को महज तीन स्थान पर ही जीत मिली थी। यहां भी भाजपा ने हार्स ट्रेडिंग का सहारा लेते हुए दूसरों के सहारे अपनी सत्ता कायम की है।