गुवाहाटी। असम की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस हाथ से धीरे-धीरे खिसक रही सत्ता से बेहद नाजार दिखाई दे रही है। बीते शुक्रवार को डिमा हसाउ स्वायत्तशासी परिषद की सत्ता भाजपा के हाथ में जाते देख कांग्रेस पार्टी बेहद गुस्से में है।
आतंकी संगठन डीएचडी के पूर्व कैडर व परिषद के पार्षद ज्वेल गार्लोसा बीते शुक्रवार को भाजपा में शामिल हुए थे, रविवार की तड़के राजधानी के दिसपुर पुलिस ने ज्वेल को वर्ष 2008 के एक हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया। अपनी गिरफ्तारी को ज्वेल ने राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताया है।
उल्लेखनीय है कि डिमा हसाउ स्वायत्तशासी परिषद पर कांग्रेस का कब्जा था। 30 सदस्यीय परिषद में डीएचडी के कुल 12 सदस्य थे जो बीते शुक्रवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में अध्यक्ष सिद्धार्थ भट्टाचार्य के सामने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
उनके साथ कांग्रेस के भी चार सदस्य भाजपा में शामिल हो गए। जिसके चलते परिषद में भाजपा के 16 सदस्य हो गए हैं। बीते कल शनिवार को 16 पार्षदों ने राज्यपाल से मिलकर परिषद को भंग कर भाजपा को सत्ता सौंपने की मांग की।
आज सुबह तड़के दिसपुर पुलिस ने ज्वेल को राजधानी के काहिलीपाड़ा इलाके से गिरफ्तार कर लिया। ज्वेल पर दिसपुर पुलिस ने वर्ष 2008 में एक हत्या का मामला दर्ज कर उनके विरूद्ध आईपीसी की 120बी/121/121ए/302/326 धराएं लगाई गई हैं। ये सभी धाराएं गैर जमानती हैं। ज्वेल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें जानबूझकर फंसाया है। वे इसका राजनीतिक उत्तर देंगे।