रतलाम। देश के प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, लेकिन गुजरात में हर 24 घंटे में इंटरनेट बंद हो जाता है। लोग घोषणा करते हैं 72 और 56 इंच का सीना है लेकिन हम जिस रास्ते से वहां गांवों की हालत देखकर शर्म आती है।
गुजरात में हमारे 8 भाईयों को पुलिस ने क्रूरतापूर्वक मार दिया। तब देश के प्रधानमंत्री अमेरिका जाकर बोले कि भारत जाते हैं घटना पर जांच करेंगे, भारत आकर गुजरात में जांच नहीं की बिहार जाकर चुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं।
कोई व्यक्ति गुजरात मॉडल का हवाला देकर प्रधानमंत्री बन जाता है, लेकिन उसी गुजरात में 8 दिनों में दो पाटीदार किसानों ने आत्महत्या कर ली है। उसी गुजरात की स्थिति यूपी-बिहार जैसी है। घरों में घुसकर महिलाओं से अभद्रता की गई।
इन बातों के साथ गुजरात के हार्दिक पटेल ने मध्यप्रदेश पाटीदार समाज द्वारा आयोजित महापंचायत को संबोधित किया। हार्दिक ने मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़े कटाक्ष किए। साथ ही मध्यप्रदेश सरकार को भी चुनौती दी और कहा कि पाटीदार समाज को उचित समान नहीं दिया गया तो आगामी लोकसभा चुनाव में इसके परिणाम उठाने ही पड़ेंगे।
मध्यप्रदेश पाटीदार समाज द्वारा आयोजित महापंचायत में करीब 8 हजार समाजजन एकत्रित हुए। हालांकि आयोजकों ने 1 लाख लोगों के आने का दावा किया था। प्रदेश के कई बड़े नेता भी उपस्थित रहे।
चुनाव में भाजपा को मुश्किल के संकेत
महापंचायत के दौरान प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पाटीदार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीनदयाल पाटीदार, हरीराम पाटीदार आदि ने कहा कि शुजालपुर में विधानसभा के पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 5-5 लाख रुपए समाज की हर शैक्षणिक संस्था को देने का वादा किया था पंरतु सरकार ने चुनाव के बाद पाटीदारों के एक कोने में कर दिया। आगामी चुनाव के पहले भी उचित समान नहीं दिया गया तो उपचुनाव में भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
हार्दिक ने भी मंच से खुलेरूप से कहा कि सरकार आरक्षण के आंदोलन नहीं डरी, बल्कि संगठन से डरी है। देश के 27 करोड़ पाटीदार एक हो रहे हैं। प्रदेश के सवा करोड़ पाटीदार एक हो जाए तो सरकार झुक सकती है।
अगर सरकार समान के साथ हमारा अधिकार देगी तो ले लेंगे, नहीं तो छीन लेंगे। समाज के सभी पदाधिकारियों ने इस बात के स्पष्ट संकेत दिए कि अधिकांश पाटीदार समाज भाजपा के साथ था, परंतु वर्तमान उपेक्षा के चलते आगामी दिनों में राजनैतिक पार्टियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।