जालोर। सुंधामाता पहाडी की तलेटी स्थित बाजार में मंगलवार मध्य रात्रि को अज्ञात कारणों से आग लग गई, इस घटना में करीब 14 दुकानों में रखा सामान जलकर तबाह हो गया।
प्रशासन व पुलिस ने एहतियातन इन दुकानों में रखे बीस सिलेण्डर आग लगने के दौरान ही हटा लिए थे, इससे हादसा गंभीर रूप नहीं ले पाया; यह सभी दुकाने प्रसाद सामग्री, खिलोने एवं खाने-पीने के सामान की थी। हादसे के कारणों का पता नहीं चला है।
सुंधामाता पहाड़ पर स्थित माताजी के मंदिर तक पहुंचने के लिए यहां की तलेटी पर से जाना पडता है। तलेटी पर यात्री वाहन आदि रुकते हैं, ऐसे में यहां पर ही चाय, नाश्ते, प्रसाद, खिलौने आदि की दुकानें हैं। नवरात्रि पर माताजी के दर्शन के लिए यहां पर काफी यात्री आते हैं, ऐसे में इन दुकानों में काफी सामग्री भी भरी हुई थी। मंगलवार रात को अज्ञात कारणों से इन दुकानों में आग लग गई और एक एक करके 14 दुकानें आग की भेंट चढ गई। इन दुकानों में रखे करीब तीस फ्रीज समेत खाद्य सामग्री व खिलौने आदि जलकर तबाह हो गए। व्यापारियों को इस आग से लाखों का नुकसान हुआ है।
आग की सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी व कार्मिक मौके पर पहुंचे। इन लोगों ने आग पर काबू पाने के सामूहिक प्रयास किए। आग लगने की सूचना मिलते ही भीनमाल से दमकल वाहन मौके पर पहुंचा। करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग के दौरान सुंधामाता पुलिस चैकी के हेड कांस्टेबल शिवनारायण ने आसपास दुकानों में उपयोग लिए जा रहे गैस सिलेंडर वहां से हटवाए, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। भीषण आग की सूचना मिलते ही रानीवाडा उपखण्ड अधिकारी निसार खां, जसवंतपुरा तहसीलदार पंकज जैन आदि रात में ही मौके पर पहुंच गए सुंधा माता ट्रस्ट के अध्यक्ष शंभूसिंह देवल भी वहां पहुंचे और उन्होंने आग में हुए नुकसान के समुचित मुआवजे की मांग की।
इधर, विधायक नारायणसिंह देवल भी सुंधामाता पहुंचे, उन्होंने इस अग्नि कांड की सूचना मुख्यमंत्री को देकर समुचित मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया। आग लगने की घटना की जानकारी मिलते ही जसवंतपुरा व रानीवाड़ा के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गए। आग लगने के दौरान अधिकतर दुकानों में व्यापारी व कर्मचारी सोए हुए थे। कइयों को पता चलने पर स्वयं बाहर आ गए लेकिन, कई लोगों को पुलिसकर्मियों ने सजगता दिखाते हुए जगाया एवं बाहर लेकर आए।