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चोरी-छिपे श्मशान की लकडियां निकाली! - Sabguru News
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चोरी-छिपे श्मशान की लकडियां निकाली!

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चोरी-छिपे श्मशान की लकडियां निकाली!
cremation wood displaced furtively timber wood form hindu crematery found in aara machhine

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सबगुरु न्यूज-सिरोही। सारणेश्वर रोड स्थित हिन्दू श्मशान से चोरी छिपे इमारती लकडियां निकालने का मामला सामने आया है।

सारणेश्वर मार्ग स्थित हिन्दु श्मशान सभा के अध्यक्ष करणसिंह ने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें मिल गई है और वह इस मामले को एक नवम्बर को होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में रखेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में एक व्यक्ति को सात दिवस में स्थिति स्पष्ट करने के लिए सूचित किया गया है। वैसे इस मामले को एक नवम्बर को प्रस्तावित हिन्दू श्मशान सभा साधारण में भी रखा जाएगा।
यूं आया सामने आया मामला
यह मामला दरअसल कुछ जागरूक युवाओं के माध्यम से सामने आया और इसे हिन्दू श्मशान सभा के समक्ष रखा गया तो अध्यक्ष करणसिंह राठौड ने पूरी पारदर्शिता बरतते हुए इस प्रकरण को साधारण बैठक में रखने का निर्णय किया।

जानकारी के अनुसार श्मशान में लकड़ी लाने और ले जाने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली चालक ने कथित रूप से पिछले सप्ताह वहां के जिम्मेदार पदाधिकारी से आठ ट्रॉली के फेरे किए जाने की बात कही। उसने बताया कि सात ट्रॉली के पैसे हिन्दू श्मशान सेवा समिति से लेने हैं और एक राउण्ड में लकड़ी निकालकर सिंदरथ स्थित एक आरा मशीन में छोड़कर आया है, उस फेरे का पैसा अन्य व्यक्ति से लेने हैं।

जब ट्रैक्टर चालक ने आठवी ट्राॅली सिंदरथ आरा मशीन पर डालने की बात कही  तो यह बात वहां के युवकों के साथ समिति के अध्यक्ष करणसिंह राठौड़ तक भी पहुंची। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की पड़ताल करके उस आरा मशीन में जाकर लकडियों की फोटो ली तो यह वही इमारती लकडियां निकली जो श्मशान के विकास के लिए नीलामी के लिए रखी गई थी।

इमारती लकडियां हैं यह

हिन्दू श्मशान के लकड़ी के स्टॉक से चोरी-छिपे जो लकडियां निकली वह सागवान और नीम की इमारती लकडियां थी। समिति के अध्यक्ष के अनुसार तीन साल पहले श्मशान की लकडियों के मामले में स्थिति सही नहीं थी। कार्यकारिणी ने कार्यभार संभालते ही सबसे पहले लकडियों का स्टाॅक करने की ओर ध्यान दिया।

दो साल में यह स्थिति ला दी कि श्मशान के पास दो साल तक का लकडियों को स्टाॅक हो गया है। निलामी के माध्यम से एकत्रित की गई इन लकडियों में कुछ बेशकीमती इमारती लकडियां भी थी तो कार्यकारिणी ने यह निर्णय किया कि इन्हें अलग से रखकर नीलामी की जाएगी और जो राशि आएगी, उसे श्मशान के विकास में लगाया जाएगा।

इन लकडियों को अलग रख दिया गया। इन्हीं में से कुछ लकडियां कुछ दिन पहले निकलवाकर सिंदरथ स्थित आरा मशीन पर चिरवाने के लिए भेजी गई, तो इसकी भनक उन्हें लग गई। उन्होंने आरा मशीन जाकर उस लकडी की फोटो वगैरह की और फिर आरा मशीन संचालक को उसे किसी को नहीं देने को पाबंद किया।

इनका कहना है….
हां, नीलामी के लिए रखी गई इमारती लकडियों में से कुछ बिना जानकारी के श्मशान से निकाली गई थी। इसकी जानकारी मिलने पर लकडियों को आरा मशीन पर ही रखने को कहा है। वहीं जांच के बाद संदिग्ध व्यक्ति से यह जिम्मेदारी ले ली गई है। उन्हें एक नवम्बर की साधारण बैठक में अपना पक्ष रखने को कहा है। कार्यकारिणी ही आगे का निर्णय करेगी।
करणसिंह राठौड
अध्यक्ष, हिन्दू श्मशान सभा, सारणेश्वर रोड, सिरोही।

पांच-छह दिन पहले मेरे पास सिरोही से सागवान और नीम की लकडियां को काटने का जाॅबवर्क आया था। लकडियों को इमारती उपयोग के लिए कटवाया गया था। यह लकडियां आरा मशीन पर ही पडी है। इस जाॅबवर्क को भेजने वाले की एंट्री भी रजिस्टर में की है।
मांगीलाल सुथार
आरा मशीन संचालक, सिंदरथ।