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कल्याण-डोम्बीवली में शिवसेना 52, भाजपा को 42 सीटें मिली - Sabguru News
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कल्याण-डोम्बीवली में शिवसेना 52, भाजपा को 42 सीटें मिली

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कल्याण-डोम्बीवली में शिवसेना 52, भाजपा को 42 सीटें मिली
Kalyan-Dombivali municipal civic election result 2015 : shiv sena emerges as single largest party
Kalyan-Dombivali municipal civic election result 2015 : shiv sena emerges as single largest party
Kalyan-Dombivali municipal civic election result 2015 : shiv sena emerges as single largest party

मुंबई। महाराष्ट्र के कल्याण-डोम्बीवली नगर निगम चुनाव में शिवसेना ने सोमवार को सबसे बड़े दल के रूप में उभरते हुए 52 सीटें झटक ली, हालांकि यह 122 सदस्यीय निकाय में स्पष्ट बहुमत हासिल करने से पीछे रह गई।

वहीं, इस चुनाव मुकाबले में सहयोगी भाजपा के साथ उसका संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।

पिछले विधानसभा चुनाव में प्रभावशाली प्रदर्शन करने के साल भर बाद भाजपा कोल्हापुर नगर निगम चुनाव में कोई बड़ा कमाल नहीं कर सकी और कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है पर वह बहुमत से कुछ पीछे रह गई।

कल्याण डोम्बीवली नगर निकाय में 42 सीटों के साथ भाजपा दूसरे स्थान पर रही। इसे पहले मिली नौ सीटों की तुलना में यह बेहतर प्रदर्शन है। कांग्रेस-राकांपा गठबंधन तीन-तीन सीटों के साथ चौथे नंबर पर रहा, जिसे राज ठाकरे नीत मनसे की नौ सीटों से छह सीटें कम मिली हैं।

हालांकि शिवसेना को मेयर कल्याणी पाटिल की हार के रूप में एक भारी नुकसान झेलना पड़ा है जो भाजपा उम्मीदवार सुमन निकम से पराजित हुई। राज्य सरकार में साझेदार होने के बावजूद भगवा पार्टियों ने नगर निकाय चुनाव से पहले इन दोनों शहरों के लिए अपने संबंध तोड़ लिए थे।

कई मुद्दों पर ये दोनों पार्टियां एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में लगी रही। कल्याण डोम्बीवली में शिवसेना को 52, भाजपा को 42, मनसे को नौ, बीएसपी को एक, कांग्रेस को चार, राकांपा को दो, एआईएमआईएम को एक, निर्दलीय एवं अन्य को नौ सीटें मिली। कोल्हापुर में नगर निगम के 81 वार्ड में कांग्रेस को 27 और राकांपा को 15 सीटें मिली है।

भाजपा-तारारानी गठजोड़ को 32 सीटें भाजपा को 12 और तारारानी मोर्चा को 20 सीटें मिली है। शिवसेना चार सीट ही जीत पाई जबकि अन्य के खाते में तीन सीटें गई हैं।

कल्याण डोम्बीवली में प्रचार की कमान थामने वाले शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि मतदाता अन्य भाजपा के गुजराम करने वाले प्रचार के झांसे में नहीं आए। इसके साथ ही, नगरपालिका परिषद के चुनाव नतीजे भी घोषित किए गए।

मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर जिले में राकांपा ने नगरपालिका परिषद चुनावों में भाजपा से सत्ता छीन ली। राकांपा ने जालना जिले के जफराबाद नगरपालिका परिषद चुनाव में भी जीत हासिल की। राज्य की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे के बीड जिले में राकांपा ने चार परिषदों में तीन में बहुमत हासिल किया।

विधान परिषद में विपक्षी नेता धनंजय मुंडे राकांपा ने कहा कि सत्ता में मौजूद लोगों को यह याद रखना चाहिए कि बीड में मतदाता अब सहानुभूति वोट नहीं देंगे। वह पंकजा के रिश्ते के भाई हैं।

इस बीच, कांग्रेस ने कहा कि कल्याण डोम्बीवली और कोल्हापुर नगर निगम चुनाव तथा 75 नगर पंचायतों के नतीजे पिछले एक साल में देवेंद्र फड़णवीस नीत सरकार के कुशासन को जाहिर करता है। कांग्रेस ने कोल्हापुर में राकांपा के साथ गठजोड़ की संभावना भी जताई।

नतीजों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण ने कहा कि फड़णवीस ने केडीएमसी चुनावों को प्रतिष्ठा का मुद्दा बना दिया था और इसमें काफी रूचि ली थी लेकिन भाजपा वहां अच्छा नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि नगर पंचायतों में कांग्रेस का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है।

राज्य सहकारिता मंत्री और कोल्हापुर के प्रभारी मंत्री चंद्रकांत पाटिल भाजपा ने जनादेश स्वीकार किया और कहा कि उनकी पार्टी एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा कुछ और कोशिश कर 12 और सीटें जीत सकती थी जहां यह 100-50 वोटों से हारी है।

2010 के चुनाव में केडीएमसी में भाजपा को नौ, राकांपा को 14, कांग्रेस को 15, शिवसेना को 31, मनसे को 27 और निर्दलीय 11 सीटें मिली थी। कोल्हापुर नगर निगम के 2010 के चुनाव में भाजपा को तीन, राकांपा को 32, कांग्रेस को 31, शिवसेना को चार, एसईसीएम को पांच तथा निर्दलीय को नौ सीटें मिली थी।

शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मतदाता अन्य दलों के झांसों में नहीं आए। उन्होंने संभवत भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा। केडीएमसी जीत के बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कल्याण के दुर्गादी में देवी का आशीर्वाद लिया।

कांग्रेस के पूर्व मंत्री सतेज पाटिल ने कोल्हापुर में राकांपा के पूर्व मंत्री हसन मुशरिफ से मुलाकात की जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों पार्टियां नगर निकाय में शासन करेंगी। केडीएमसी नतीजों के ठीक बाद सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस की कैरीकेचर साझा की जाने लगी और उन पर तंज कसे जाने लगे वहीं उनके समर्थकों ने एक अन्य कैरीकेचर के जरिए उनकी उपलब्ध्यिां गिनाई। वह इस चुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारक थे।

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस राकांपा के साथ सत्ता साझा करने के लिए तैयार है। इस बीच, शिवसेना ने केडीएमसी चुनाव नतीजों को लेकर नई दिल्ली में संभवत भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि जो हार गए हैं उन्हें आत्मावलोकन करने की जरूरत है।

भाजपा पर परोक्ष हमला बोलते हुए उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने इस बात का जिक्र किया कि समूचा महाराष्ट्र कैबिनेट मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस सहित भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार में उतरा हुआ था, पर शिवसेना लोगों का भरोसा जीतने में कामयाब रही।

शिवसेना नेता एवं राज्य सभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि शिवसेना आखिर शिवसेना है और कोई उसे पीछे नहीं धकेल सकता। यह शिवसेना का गढ़ है, इसने कभी धन बल के प्रयोग पर विश्वास नहीं किया। हम विनम्रता से नतीजे स्वीकार करते हैं जो हार गए उन्हें आत्मावलोकन करने की जरूरत है।

वहीं, राकांपा ने देवेंद्र फड़णवीस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि स्थिर होने के बावजूद यह अब तक की सबसे कमजोर और सर्वाधिक अनिर्णायक सरकार है। महाराष्ट्र राकांपा अध्यक्ष सुनिल तटकरे ने कहा कि मौजूदा सरकार का सदन में पूर्ण बहुमत है। भाजपा को 122 और शिवसेना के 63 विधायक हैं। इसके कार्यकाल में किसानों की खूब अनदेखी हुई है।

उन्होंने कहा कि टोल और स्थानीय निकाय कर खत्म करने कीे लोकलुभावन घोषणाओं को लागू करने के लिए सरकार ने बढ़े हुए कर थोप दिए। जबकि रियायत समाज के सिर्फ एक खास तबके को दी गई, लेकिन कर सभी पर थोपा गया।