Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
ऐसी राहत देगा माउण्ट आबू का जेडएमपी - Sabguru News
Home Delhi ऐसी राहत देगा माउण्ट आबू का जेडएमपी

ऐसी राहत देगा माउण्ट आबू का जेडएमपी

0
ऐसी राहत देगा माउण्ट आबू का जेडएमपी
praposed final Zonal master plan mount abu
praposed final Zonal master plan mount abu
praposed final Zonal master plan mount abu

सबगुरु न्यूज (परीक्षित मिश्रा)-सिरोही। ईको सेंसेटिव जोन माउण्ट आबू को जोनल मास्टर प्लान काफी मायनों में माउण्ट आबू के लोगों को राहत देगा।

लेकिन वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से स्थापित क्षेत्र में ही माउण्ट आबू के विकास की शर्त इस मास्टर प्लान पर लागू करने से संभवतः उन लोगों को कुछ समस्या होगी जिन्होंने माउण्ट आबू में खाली भूखण्डो इसलिए खरीदकर रख लिए हैं कि व उस पर जोनल मास्टर प्लान लागू होने के बाद भवनों और होटलों को निर्माण कर लेंगे।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 28 सितम्बर को राज्य सरकार को जो पत्र भेजा था उसमें इस जोनल मास्टर प्लान को इस शर्त के साथ लागू करने की अनुमति दी है कि स्थापित स्थानों पर ही विकास होगा। ऐसे में यहां पर कन्वर्जन की समस्या यूं की यूं रह सकती है। इसके अलावा गार्डन व अन्य रिजर्व भूखण्डों के कंवर्जन पर भी पाबंदी लगाई गई है।

zmp-2
यहां मिलेगी राहत
माउण्ट आबू के जोनल मास्टर प्लान को राज्य सरकार ने लागू कर दिया है। सबगुरु न्यूज को प्राप्त जोनल मास्टर प्लान की प्रतिलिपि के अनुसार माउण्ट आबू में ग्राउण्ड प्लस वन तक व्यावसायिक निर्माण हो सकेगा।

वहीं पुराने बाजार में ग्राउण्ड प्लस थ्री तक के भवन की अनुमति मिल सकेगी। पंजीकृत क्षेत्र में नये मकानों के निर्माण के लिए सिर्फ ग्राउण्ड फलोर या ढलुआ छत के साथ काॅम प्रथम तल की अनुमति दी जाएगी। वर्तमान में बने मकानों को बिना प्लींथ एरिया और उंचाई बदले हुए रिपेयर और रिनोवेशन की अनुमति दी जाएगी।
नो कंस्ट्रक्शन जोन में राहत नहीं
नए मास्टर प्लान के अनुसार नो कंस्ट्रक्शन जोन में कुछ राहत नहीं मिलेगी। बल्कि इसे विस्तृत कर दिया गया है। पहले जहां नक्की का केचमेंट क्षेत्र, नक्की झील से देलवाडा मंदिर जाने वाले मार्ग का पश्चिमी इलाका और वन विभाग के इलाके नो कंस्ट्रक्शन जोन में रहेंगे।

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के वेटलेंड रूल के तहत पचास मीटर की गहराई वाले सभी वेटलेंड और बफर जोन तथा नक्की लेक के वाटरशेड को भी नो कंस्ट्रक्शन जोन में लिया गया है। लेकिन, खन्ना कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार नो कंस्ट्रक्शन जोन केवल खाली भूखण्डों के लिए लागू होता है, जिन भूखण्डों पर लागू नहीं हो रहा है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट का उदयपुर के नो कंस्ट्रक्शन जोन के लिए दी गई राहत भी माउण्ट आबू के नो कंस्ट्रक्शन जोन के इलाके के लोगों के लिए राहत दे सकती है।
टूरिस्ट मास्टर प्लान और सब जोनल मास्टर प्लान समाहित
माउण्ट आबू के जोनल मास्टर प्लान-2030 में सब जोनल मास्टर प्लान और टूरिस्ट मास्टर प्लान भी शामिल है। इसके लिए अब नए सिरे से कवायद करने की जरूरत नहीं होगी।