बाली। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का प्रत्यर्पण मंगलवार को हवाईअड्डा बंद होने की वजह से टाल दिया गया। समीपवर्ती पर्वत से ज्वालामुखी का गुबार फैलने की वजह से हवाईअड्डा बंद करना पड़ा है।
55 वर्षीय राजन को मंगलवार रात विशेष विमान से भारत ले जाया जाना था लेकिन वह डेनपसार में ही हिरासत में है। पुलिस मेजर पांडे सुगीआर्ता ने बताया कि प्रत्यर्पण बुधवार तक के लिए टाल दिया गया क्योंकि समीपवर्ती लोमबोक द्वीप पर स्थित माउंट रिनजन से ज्वालामुखी का गुबार निकल कर फैल रहा है जिसके कारण गुराह राइ अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बंद कर दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि राजन को मौसम अनुकूल रहने पर कल प्रत्यर्पित किया जा सकता है। उनके अनुसार भारतीय एजेंसियां राजन के शीघ्र प्रत्यर्पण की इच्छुक हैं और उन्होंने रविवार को इस बारे में इंडोनेशियाई प्राधिकारियों से अनुरोध किया था। ऐसे मामलों में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में एक या दो दिन लग सकते हैं।
इंडोनेशिया पुलिस की मंजूरी मिलने के बाद अंडरवर्ल्ड सरगना छोटा राजन को मंगलवार रात भारत प्रत्यर्पित किया जाना था क्योंकि इस मंजूरी के बाद राजन के दो दशक बाद स्वदेश वापस लौटने का रास्ता साफ हो गया। यहां रविवार को पहुंचे एक भारतीय दल ने राजन की हिरासत लेने और उसे भारत वापस ले जाने से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली।
भारत में राजन देश के सबसे ज्यादा वांछित अपराधियों में से एक है। हालांकि ज्वालामुखी विस्फोट के कारण बाली में उड़ान भरने में आ रही समस्याओं के कारण छोटा राजन का प्रत्यर्पण नहीं हो पाया। इस लोकप्रिय पर्यटन द्वीप के पास ‘रिनजन पर्वत’ में हुए ज्वालामुखी विस्फोट के कारण कई उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं।
ऑस्ट्रेलिया से यहां आने पर 25 अक्तूबर को छोटा राजन को गिरफ्तार किया गया था। हत्या से लेकर रंगदारी वसूली और तस्करी से लेकर मादक पदार्थों की तस्करी तक कई अपराधों के 75 से ज्यादा मामलों में वह वांछित है। राजन का वास्तविक नाम राजेन्द्र सदाशिव निखालजे है।
उसे इंटरपोल की ओर से जारी रेड कॉर्नर नोटिस और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों की ओर से इंडोनेशिया पुलिस को दी गयी जानकारी के आधार पर बाली में गिरफ्तार किया गया।
इंडोनेशिया के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं होने की स्थिति में भारतीय अधिकारियों ने अपने इंडोनेशियाई समकक्षों को अंडरवर्ल्ड डॉन की भारतीय पहचान सुनिश्चित करने संबंधी सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं, ताकि उसका प्रत्यर्पण संभव हो सके।