सबगुरु न्यूज-सिरोही। प्रभारी मंत्री की कार्यप्रणाली के साथ-साथ उनके शोक मनाने का तरीका भी अजब है। एक जगह कार्यकर्ताओं के प्रेम को उन्होने इसलिए नकार दिया कि राजस्थान के एक पूर्व राज्यपाल के निधन पर राजकीय शोक है तो दूसरी जगह मालाएं पहनने के साथ मिठाई भी गपागप करते नजर आए।
आश्चर्य इस बात का भी है कि उनके जन्मदिन की बधाई देकर मुंह मीठा करवाने और माला पहनाने वालों में वो भाजपाई भी नजर आए जो कुछ दिनों पहले ही उन्हें सिरोही की गलियों-चौबारों में पानी पी-पी कर कोसते नजर आते थे और सोशल मीडिया पर अपना पहला शब्द भी मंत्री के विरोध में ही लिखते थे। आश्चर्य की बात तो यह है कि जन्मदिन मनाने की तैयारी रविवार को भाजपा की बिहार में हार के साथ-साथ चलती रही।
सिरोही के प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी का सोमवार को जन्मदिवस था। कार्यकर्ताओं ने मनाने की तैयारी की। मंत्री जी दोपहर में सिरोही पहुंचे तब तक यह सूचना आ गई थी कि पूर्व राज्यपाल के निधन के कारण राजकीय शोक घोषित कर दिया गया है।
मंत्री जी को इसकी सूचना मिल गई। जैसे ही वह शिवगंज पहुंचे तो मंत्री जी को खुश करने के लिए उनके जन्मदिन पर कुछ भाजपाई मालाएं लेकर पहुंच गए। मंत्री जी ने वहां पर यह कहते हुए माला और मिठाई स्वीकार नहीं की कि राजकीय शोक है। वहां से रवाना होकर मंत्री जी शाम करीब साढ़े चार बजे सिरोही सर्किट हाउस पहुंचे।
भाजपा नगर मंडल समेत स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता और कथित रूप से नई कार्यकारिणी में पदाधिकारी बनकर राजनीतिक चमकाने के इच्छुक भाजपाई यहां मिठाई और मालाएं लेकर पहुंच गए। अब मंत्री जी भी मनवार के कच्चे निकले। कार्यकर्ताओं की मीठी मनवार क्या हुई कि मंत्री जी राजकीय शोक और भाजपाई अपनी पार्टी की बिहार में मिली जबरदस्त हार का शोक भूलकर मालाओं से लदने और लादने लगे। मिठाई का परहेज भी छोड़ दिया।
हां, इस सबमें एक काम पुण्य का हुआ कि दिवाली के पावन पर्व पर कुछ गरीब बच्चों का मुंह मीठा जरूर हो गया। इसके लिए वाकई भगवान का शुक्रिया कि मंत्री जी को इस दिन पैदा किया कि कुछ बच्चों की यह दिवाली तो मीठी हो सकी। वैसे सूचना यह भी है कि राजकीय शोक को भूलकर मालाओं के शौकीन और किंकर्तव्यविमूढ़ राजकीय कर्मचारी भी मंत्रीजी को माला पहनाने और मुंह मीठा करवाकर उनकी गुडबुक में आने से पीछे नहीं रहे।
पहले भी आता था जन्मदिन
ऐसा नहीं है कि मंत्री जी सिर्फ आज ही पैदा हुए थे। इससे पहले छह सालों में भी उनका जन्मदिन आया था। इतना ही नहीं पिछली धनतेरस पर भी उनका जन्मदिन आया था, लेकिन अफसोस कि छह साल साधारण विधायक के रूप में रहने पर इस तरह से उनके जन्मदिन माल्यार्पण और मिष्ठान वितरण का इस तरह का कार्यक्रम नहीं बना।
वैसे मंत्री जी इस बात के लिए धन्य हो गए कि पिछले करीब एक साल से कथित रूप से उनके राजनीतिक जीवनदाता भाजपाई उनके सर्किट हाउस पर किसी आयोजन पर शहर में घूम-घूम कर उन्हें कोसते थे आज एकाएक उनके सबसे करीब जाकर फोटो खिंचावते नजर आए। इस बदलाव से शहर और खुद भाजपाई भी अचंभित हैं। मंत्री जी के लिए यह भी एक बर्थ-डे गिफ्ट ही था।