गुना। सामाजिक समरसता के जिस संवेदनशील मसले को आज जोरशोर से उठाया जा रहा है, वह सामाजिक समरसता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शुरुआत से ही है।
संघ की शाखाओं में किसी को नाम, जाति और धर्म के आधार पर प्रवेश नहीं दिया जाता है, सिर्फ राष्ट्र निष्ठा और राष्ट्र समर्पण इसका आधार है। संघ में सब सिर्फ और सिर्फ स्वयंसेवक है।
उक्त उद्गार राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संपर्क प्रमुख जगमोहन शुक्ला ने व्यक्त किए। श्री शुक्ला पगारा में संघ के पथ संचलन से पूर्व स्वंयसेवकों को बौद्विक प्रदान कर रहे थे।
भारत की ओर निहार रहा विश्व
अपने संबोधन में शुक्ला ने सामाजिक समरसता का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि पूरा विश्व समस्याओं से जूंझता हुआ,भारत की ओर निहार रहा है। इसके साथ कुछ विद्यटनकारी शक्तियां भारत की छवि को भी खराब करने की साजिश चल रही है।
उन्होंने बताया कि भारत पुन: शक्तिशाली राष्ट्र बनकर विश्व गुरु बनने जा रहा है। 90 साल पहले 1925 में परम पुज्यनीय डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी ने संघ रुपी जो बीज बोया था, आज वह वट वृक्ष का रुप ले चुका है। समाज के प्रत्येक क्षेत्र में संघ का संस्कारित स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठनों के माध्यम से राष्ट्र कार्य में रत है।
शुक्ला ने बताया कि हमें स्वदेशी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता प्रदान करनी चाहिए। इस कार्यक्रम में तहसील कार्यवाह नंदकिशोर ग्वाल, तहसील शारीरिक प्रमुख विशाल शर्मा राजकुमार उपस्थित थे।
पुष्प वर्षा से स्वागत
इस मौके पर एक प्रभावी पथ संचलन निकाला गया। यह संचलन पगारा के संघ स्थान से प्रारंभ होकर गांव के प्रमुख मार्गों से निकला। इस दौरान स्थान-स्थान पर गांववासियों ने पुष्पवर्षा के साथ संचलन का स्वागत किया।