जयपुर। जयपुर में 19 एवं 20 नवम्बर को आयोजित होने वाले रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट में ‘पर्यटन के माध्यम से सतत विकास‘ सत्र पर मुख्य फोकस रहेगा। यह सत्र 19 नवम्बर को सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आयोजन किया जाएगा।
सत्र में केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), डॉ. महेश शर्मा; पर्यटन राज्य मंत्री कृष्णेन्द्र कौर; साउथ एशिया कार्लसन रेजिडोर के चेयरमैन, के.बी. काचरू; आईटीसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, नकुल आनन्द; ओबेराय समूह के चीफ ऑपरेटिंग अफसर एवं जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, विक्रम ओबेराय एवं राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शैलेन्द्र अग्रवाल हिस्सा लेंगे।
राजस्थान की अर्थव्यवस्था में पर्यटन सेक्टर पर निर्भरता और भविष्य में राज्य के आर्थिक विकास में पर्यटन की संभावनाएं स्पष्ट दिखाई देती है। विदेशी मुद्रा, रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास, स्थानीय परंपराओं, हस्तशिल्प के प्रोत्साहन द्वारा पर्यटन सेक्टर राज्य के आर्थिक विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः इस क्षेत्र में प्रचुर निवेश की आवश्यकता है।
राजस्थान में पर्यटन संभावनाओं के विस्तार पर यह सत्र केन्द्रित रहेगा ताकि प्रदेश के सतत विकास में यह अपना योगदान दे सकें। राजस्थान के घने जंगलों में भी पर्यटन के आकर्षक स्थल है। प्राकृतिक इकोसिस्टम में किसी प्रकार का दखल न देते हुए इन क्षेत्रों में सावधानीपूर्वक पर्यटन विकास किया जा सकता है और आस-पास के इलाकों के निवासियों के लिए रोजगार के अवसर बढाए जा सकते हैं।
राज्य सरकार पर्यटन और इससे संबंधित गतिविधियों के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव से अवगत है तथा राज्य में निवेशकों के लिये व्यापार में सुगमता के लिए प्रतिबद्ध है। इन बातों के मद्देनजर राजस्थान सरकार राज्य में निवेष आकर्षित करने के लिए अनेक कदम उठा रही है।