ब्यावरा। देवशयनी एकादशी से शुभ मुहूर्त पर लगा प्रतिबंध रविवार शाम से हट जाएगा। भगवान शालिगराम, तुलसी मॉ के विवाह के साथ ही गृह-प्रवेश, साहलग, विवाहों की रश्म अदायगी प्रारंभ होगी।
जून जुलाई माह से हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार शुभ कार्यों पर रोक लगी जो अब देवउठनी एकादशी के साथ शुरु होंगे।
हालांकि पंडितों के अनुसार विवाह के शुभ मुहूर्त की संख्या कम ही दिखाई दे रही है, लेकिन पिछले चार पांच माह से इंतजार कर रहे कुंवारों की आशाएं अब पूर्ण होगी।
विवाह मुहूर्तों के आते ही बाजार में खरीद फरोख्त भीड़ दिन ब दिन बढ़ती जाएगी, इसके लिए कारोवारियों ने तैयारियां शुरु कर दी है। शामियाने, ज्वैलर्स बर्तन, डेकोरेशन, कपड़े दुकानदारों ने नई वैरायटी के सामानों को एकत्रित करना शुरु कर दिया है।
एकादशी पर्व पर बढ़ी बाजार में रौनक
साल की बारह एकादशियों में बड़ी एकादशी के रुप में मनाया जाने वाला पर्व है। घरों में विद्युत सजावट कर पटाखों, आतिशबाजी कर भगवान शालिगराम, मॉ तुलसी का विवाह पूजा अर्चना कर भजन संगीत के साथ मनाया जाएगा।
बाजार में अंचल से आए ग्रामीणों ने गन्ने की विक्री चालू कर दी है। महंगाई का असर गन्ने पर भी दिखाई पड़ रहा है। मान्यता के अनुसार भगवान सालिगराम पर गन्ना रस चढ़ाकर फल, सब्जी, बैर-फली, आंवला आदि नई फसलें चढ़ाकर उठो देव बैठों देव के जयकारें लगाए जाते है।