नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को विहिप नेता अशोक सिंहल की श्रद्धाजंली सभा में कहा कि उनका राममंदिर के कार्य में किया गया निवेश रंग लाएगा और जल्द ही उनका यह सपना पूरा होगा।
दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में विश्व हिन्दू परिषद् की ने श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया। इसमें केन्द्रीय मंत्री, साधु-संत और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने शिरकत की।
इस अवसर पर संघ प्रमुख ने कहा कि हमें मिलकर सिंहल के गुण, विचार और दिशा अपनाने की ज़रूरत है। उनकी एक इच्छा थी। जिसे हाथ में हाथ डालकर बैठे रहने से पूरा नहीं किया जा सकता लेकिन उनका कार्यकर्ताओं में किया गया निवेश एक दिन रंग लाएगा।
हम दीपक बनकर सूर्य की कमी तो पूरा नहीं कर सकते लेकिन एक साथ जलकर उजाला कर सकते हैं। उनके संकल्प को हमें अपना संकल्प बनाना होगा। जिससे थोड़े समय में हम उनको राम मंदिर अर्पित कर सकें।
विश्व हिन्दू परिषद् के कार्याध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि अशोक सिंहल संत और सेनापति दोनों थे। उन्होंने धर्म को पुन: सत्ता से जोड़ दिया और मुस्लिम तुष्टीकरण की वीटो समाप्त कर दी।
छुआछुत को समाप्त करने में उनकी बड़ी भूमिका रही। हम आज संकल्प लें कि हम सब हिन्दू विजय के संकल्प में आगे बढ़ेंगे और सोमनाथ की तरह राम मंदिर का भी संसद में कानून पास कराकर निर्माण करायेंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि अशोक सिंहल एक गीतकार थे और एक दिन वह रणनीतिकार बन गए। वह आध्यात्मिक हिन्दू थे।
उन्होंने चाहा था कि संयुक्त राष्ट्र में एक आध्यात्मिक सोसाइटी बने। वह खनन इंजीनियर थे और उन्होंने अयोध्या का खनन किया अब बस उसमें रंग भरने की आवश्यकता है। उनका मानना था कि भारत के निर्माण से राम मंदिर का निर्णाण अपने आप हो जाएगा।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सिंहल एक आदर्श कार्यकर्ता थे जिन्होंने विचार परिवार की नैया को आगे पहुंचाया।
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि रामजी के नाम से और उनके काम से मंदिर का निर्माण करेंगे। मौत हमें उनसे अलग नहीं कर सकती भव्य मंदिर का निर्माण होगा।
विश्व हिन्दू परिषद् के अध्यक्ष राघव रेड्डी ने कहा कि विवेकानंद के बाद अशोक सिंहल ने ही दुनिया में भारतीय संस्कृति को नई उंचाई पर पहुंचाया है। विहिप उनके अधूरे सपने को पूरा करेगा।
विष्णु हरि डालमिया ने कहा कि उनकी आत्मा को शांति तभी मिलेगी जब 3 मंदिरों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
इस अवसर पर राष्ट्रपति, नेपाल के उपप्रधानमंत्री, दलाईलामा और कई संतों का भेजा गया शोक संदेश पढ़ा गया।