पन्ना। पन्ना नेशनल पार्क की एक बाघिन पन्ना पहाड़ी खेरा मार्ग एवं पन्ना के आसपास बाघिन को देखा गया है, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में इसको लेकर भय व्याप्त है। हालांकि पन्ना टाईगर रिजर्व प्रबंधन इसकी 24 घंटे निगरानी में जुट गया है। आशा है कि शीघ्र ही वो अपने टाईगर रिजर्व में आ जाएगी।
हांसिल जानकारी के अनुसार पन्ना शहर की सीमा में भी पिछले तीन दिनों से युवा बाघिन पी-213-22 की मूवमेंट है। नेशनल पार्क के कोर जोन से निकलकर लखनपुर सरकोहा के जंगल में पहुंची बाघिन हालांकि अपने पुराने रहवास पर है, लेकिन अब इंसानी दखल बढने से यहां वैसा जंगल नहीं रहा, जैसा पहले हुआ करता था।
यही कारण है कि बाघिन की शहर की सीमा में मूवमेंट उसकी ओर शहर के लोगों की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। पिछले तीन दिनों से शहर से लगे जिस क्षेत्र में बाघिन घूम रही है, वहां जंगल की अंधाधुंध कटाई हुई है। जंगल घना नहीं होने के कारण यह बाघिन की सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है, इसके अलावा क्षेत्र शहरी सीमा से लगा होने के कारण यहां लोगों का हस्ताक्षेप भी ज्यादा है।
इससे इस क्षेत्र में बसे लोगों ओैर यहां आने जाने वाले लोगों को भी बाघिन से खतरा है। वाइल्ड लाइफ से जुड़े लोगों का कहना है कि लखनपुर सेहा क्षेत्र बाघों का पुराना रहवास है, लेकिन जंगल कटने और मानवीय हस्ताक्षेप ब$ढने से अब यह बाघ और इंसान देानों के लिए सुरक्षित नहीं रहा।
हालांकि यहां बाघिन को भोजन और पानी की कमी नहीं है, रूंझ में पर्याप्त पानी है, उसको शिकार के लिए मवेशी भी मिल रहे हैं। बताया जाता है कि उक्त बाघिन ने शहर से लगे खजुरी कु$डार और मठली के जंगल में शिकार भी किया है।
ग्रामीणों को किया अलर्ट
बाघिन के डेंजर जोन मेंं आ जाने से पन्ना नेशनल पार्क और वन विभाग का अमला चौकन्ना हो गया है। पार्क के डिप्टी डायरेक्टर अनुपम शाह ने बताया, आसपास के क्षेत्र के लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। उन्हें संबंधित क्षेत्र के जंगलों में नहीं जाने के लिए कहा गया है।
हाथियों से बाघिन की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि बाघिन को कोर जाने में लाने के गंभीरता पूर्वक प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। प्राथमिकता यह है कि वह खुद पार्क के कोर क्षेत्र में लौट गए । वह कब तक लौटेगी, यह कहा नहीं जा सकता है।