जोधपुर। अखिल भारतीय किसान संघ का राष्ट्रीय अधिवेशन अगले वर्ष 19 से 21 फरवरी तक जयपुर में होगा। अधिवेशन में देश के पांच सौ जिलों के दस हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
एक दिन विराट खुला अधिवेशन होगा। इसमें 50 हजार से अधिक किसान अपनी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होंगे।
अखिल भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री प्रभाकर केलकर ने सोमवार को बताया कि 21 से 22 नवंबर को जयपुर में किसान संघ की राष्ट्रीय कार्याकारिणी की बैठक हुई। बैठक में राष्ट्रीय अधिवेशन जयपुर में करने का निर्णय लिया गया।
साथ ही देश में अतिवृष्टि और सूखे से उपजे हालातों से निपटने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
प्रस्ताव में केन्द्र सरकार से किसानों के लिए टोल फ्री नंबर शुरू करने, सम्पूर्ण फसल ऋण माफ करने, बीज और कृषि अदानों को निशुल्क देने, मोटे ब्याज पर किसानों को ऋण देने वाले साहूकारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने, खराब फसलों का मुआवजा देने की मांग की गई। साथ ही पीडित किसानों से धैर्य रखने की बात भी कही गई है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार से किसान राहत कोष बनाने की मांग की गई है ताकि आपदा के समय में किसानों को तत्काल सहायता मिल सके।
उन्होंने कहा कि फायलिन हुदहुद ओलावृष्टि को झेलते हुए किसान जब आगे बढ़ रहे थे तभी मौसम विभाग ने देश कम वर्षा की घोषणा कर दी।
केन्द्र से लेकर राज्य सरकारों तक परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहने का आवश्वासन दिया किन्तु वास्तविक धरातल पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य किसानों के साथ धोखा है, इसलिए सरकार को खरीदी व्यवस्था में सुधारनी होगी।