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असहिष्णुता के विरोध की बुझती आग में आमिर खान ने डाला घी - Sabguru News
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असहिष्णुता के विरोध की बुझती आग में आमिर खान ने डाला घी

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असहिष्णुता के विरोध की बुझती आग में आमिर खान ने डाला घी
now aamir khan speaks about intolerance says i am alarmed my wife suggested moving out of india
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नई दिल्ली//मुंबई। देश में असहिष्णुता को लेकर खत्म होती चर्चा के बीच अचानक बॉलीवुड स्टार आमिर खान की बयानबाजी ने बुझती आग में घी डाल दिया है। इस मामले में अब तक चुप्पी साधे रहे आमिर की बयानबाजी के बाद केन्द्र में सत्तारूढ भाजपा से जुड़े बॉलीवुड के ही कई सितारों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

आमिर के बयान को लेकर अनपम खेर ने बहुत ही तल्ख अंदाज में सवाल खड़े किए हैं। वहीं मनोज तिवारी भी खुलकर आमिर के बयानों के खिलाफ आ गए। तिवारी ने कहा कि आमिर ने अपने बयान से भारत माता का अपमान किया है और करोड़ों लोगों को तकलीफ पहुंचाई है।

तिवारी ने कहा कि आमिर को भारत में डर लगता है तो वे इस बात के लिए स्वतंत्र है, वहां जाने के लिए जहां उन्हें शांति मिलती है। आमिर खान में अगर जहा भी देशभक्ति है तो अपने बयान पर माफी मांगे। आमिर ने बयान से पहले अपने फैंस के बारे में भी नहीं सोचा, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

आखिर क्या कह दिया आमिर ने

आमिर खान ने सोमवार को कहा था कि इस ओर एक के बाद एक कई घटनाओं ने उन्हें चिंतित किया है और पत्नी किरण राव ने एक बार यहां तक सुझाव दे दिया था कि उन्हें देश छोड़ देना चाहिए। पत्रकारिता के क्षेत में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान आमिर ने उन लोगों का समर्थन किया जो अपने असहिष्णुता के खिलाफ अवार्ड लौटा रहे हैं। आमिर ने कहा कि रचनात्मक लोगों के लिए उनका पुरस्कार लौटाना अपना असंतोषण व्यक्त करने के तरीकों में से एक है।

आमिर यहीं नहीं रुके बल्कि कहा कि एक व्यक्ति के तौर पर, एक नागरिक के रूप में इस देश के हिस्से के तौर पर हम समाचार पत्रों में पढ़ते हैं कि क्या हो रहा है। हम  इसे समाचारों में देखते हैं और निश्चित तौर पर मैं चिंतित हुआ हूं। मैं इससे इनकार नहीं कर सकता। मैं कई घटनाओं से चिंतिंत हुआ हूं। वे खुद महसूस करते हैं कि बीते छह से आठ माह के दौरान असुरक्षा और भय की भावना बढ़ी है।

जब मैं जब घर पर किरण के साथ बात करता हूं तो वह कहती है कि क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए? किरण का यह बयान देना एक दुखद एवं बड़ा बयान है। उन्हें अपने बच्चे की चिंता है, उन्हें भय है कि हमारे आसपास कैसा माहौल होगा। उन्हें हर दिन समाचार पत्र खोलने में डर लगता है।

आमिर ने कहा कि यह बेचैनी बढऩे की भावना का संकेत है। चिंता के अलावा निराशा बढ़ रही है। आप महसूस करते हैं कि यह क्यों हो रहा है। आप कमजोर महसूस करते हैं। मेरे भीतर यही भावना है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के लिए सुरक्षा की भावना और न्याय की भावना होनी जरूरी है।

आमिर ने राजनेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग हमारे चुने हुए प्रतिनिधि है, जिनकों हमने राज्य या केन्द्र में 5 साल तक हमारी देखभाल करने के लिए चुना, जब लोग कानून हाथ में लेते हैं, हम कड़ा रुख अपनाने, एक कड़ा बयान देने, कानूनी प्रक्रिया तेज करने के लिए उनकी ओर देखते हैं।

जब हम देखते हैं कि कुछ हो रहा है तो हमारे भीतर एक सुरक्षा की भावना आती है लेकिन जब हम कुछ होते हुए नहीं देखते तब हमारे भीतर एक असुरक्षा की भावना आती है। उन्होंने वैज्ञानिकों, लेखकों और फिल्म निर्माताओं द्वारा अपने पुरस्कार लौटाने और बढ़ती असहिष्णुता के माहौल के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के कदमों का समर्थन करते हुए कहा कि रचनात्मक लोगों के लिए वह बात उठानी जरूरी है जो वे महसूस कर रहें हैं।

आमिर ने कहा कि बड़ी संख्या में इतिहासकारों, रचनात्मक लोगों, वैज्ञानिकों के भीतर कुछ भावना है जिसके बारे में वे मानते हैं कि उसे व्यक्त करने की जरूरत है। ऐसे लोगों के लिए अपना असंतोष या निराशा व्यक्त करने का एक तरीका अपने पुरस्कार लौटाना है। मेरा मानना है कि यह अपनी बात रखने के लिए तरीकों में से एक है।

इस मामले में एक सवाल कि क्या वे लोगों के विरोधों का समर्थन करते हैं आमिर ने जवाब दिया कि वे तब तक समर्थन करेंगे जब तक वह लोग अहिंसक रहेगा। कयोंकि सभी व्यक्तियों को विरोध करने का अधिकार है और वे ऐसे किसी भी तरीके से विरोध कर सकते हैं जिसे वे सही मानते हैं जब तक वे कानून को अपने हाथ में नहीं ले रहे हैं।

दादरी घटना के बाद आए राजनीतिक बयानों की आलोचना करते हुए आमिर ने कहा कि हिंसा का कृत्य निंदनीय है चाहे वह लोगों के एक समूह के खिलाफ हो या किसी व्यक्ति के खिलाफ हो। लोग नेताओं की ओर देखते हैं कि वे आश्वस्त करने वाले बयान दें। इससे मतलब नहीं है कि सत्ताधारी पार्टी में कौन है।

टीवी पर होने वाली बहस में हम देखते हैं कि वर्तमान में भाजपा सत्ताधारी है और उनपर विभिन्न चीजों के आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन वे कहते हैं कि 1984  का क्या, यह इसे सहीं नहीं बनाता, 1984 विनाशकारी था, वह भयावह था।

एक ओर सवाल कि ऐसा क्यों है कि इतनी अधिक संख्या में राजनीतिज्ञों ने दादरी में व्यक्ति की पीट पीटकर हत्या करने की घटना के बाद वहां का दौरा किया लेकिन बीते हफ्ते एक आतंकी हमले में शहीद कर्नल संतोष महादिक के घर पर केवल रक्षा मंत्री गए? आमिर ने कहा कि हर आतंकवादी और हिंसा के कृत्य को उतने ही मुख ढंग से निंदा होनी चाहिए।

आमिर के बयानों का विरोध शुरू, कांग्रेस को भी नहीं भाया

दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने आमिर के बयान आते ही उन पर सवालों की बौछार लगा दी। खेर ने टिवटर पर लिखा कि प्रिय आमिर खान क्या आपने कभी किरण से यह पूछा कि वह किस देश में जाना चाहती है? क्या आपने उन्हें बताया कि इस देश ने आपकों आमिर खान बनाया है?

एक अन्य टवीट में खेर ने आमिर से पूछा कि प्रिय आमिर खान क्या आने किरण को यह बताया कि आने देश में इससे भी बुरे दौर को जिया है, लेकिन कभी देश छोडऩे का विचार आपके मन में नहीं आया।

परेश रावल ने टवीट कर आमिर को परीस्थिति का सामना करने की सलाह देते हुए कहा कि आमिर योद्धा है और सच्चा देशभक्त मुश्किल में मातृभूमि छोड़कर जाता नहीं है।

कांग्रेस ने आमिर खान के बयान की निंदा की है। राशिद अल्वी ने कहा कि भाईचारे में हमारे देश का कोई जोड़ नहीं है। दादरी की घटना दुर्भाग्यपूण थी और 99 फीसदी गैर मुस्लिमों ने इसकी निंदा की है। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि हमे आमिर के बयान से पीड़ा हुई्र्र्र। देश में सहिष्णु्रत्रा पर्र बह्रस्र की जरूरत है।

हालांकि आमिर खान को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का साथ मिला है। उन्हों आमिर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आमिर के बयान हर शब्द में सच्चाई है औम्र वे सहीं हैं। केजरीवाल ने कहा कि मैं आवाज उठाने के लिए आमिर की तारीफ करता हूं। बीजेपी को लोगों की आवाज को दबाना बंद कर देना चाहिए।