नई दिल्ली। दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने बुधवार को एक बार फिर यह दावा किया कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा नीति में ऐतिहासिक परिवर्तन किया है ।
इस संबंध में दिल्ली सरकार ने बुधवार को दिल्ली से प्रकाशित कई समाचार पत्रों में एक पृष्ठ का विज्ञापन देकर बताया है कि दिल्ली सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव करने जा रही है। सरकार का दावा है कि इन सभी बदलावों का मकसद बच्चों को अच्छी शिक्षा, अध्यापकों को बराबर वेतन और स्कूलों के प्रंबंधन की विसंगतियों को दूर करना है।
विज्ञापन में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि आज दिल्ली सरकार की शिक्षा-प्रणाली में ऐसे कानून हैं जिनका पालन कर पाना लगभग असम्भव है।
इसी वजह से शिक्षा-प्रणाली में कई फर्जीवाड़े चल रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब स्कूल ही फर्जीवाड़ा करेंगे तो वह बच्चों को कैसी शिक्षा देंगे? सिसोदिया ने लोगों से शिक्षा-प्रणाली में सुधार के लिए से सुझाव पत्र लिखने की भी अपील है।
विज्ञापन के संबंध में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता दीपक वाजपेयी ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि यह दिल्ली सरकार का विषय है। अगर सरकार चाहती है कि शिक्षा व्यवस्था में किये गए बदलावों का जनता को पता चले तो इसमें गलत क्या है? सरकार इन बदलावों के लिए लोगों से सुझाव लेती रही है। यही असली स्वराज है, जिसमें आम जनता की सरकार के कामकाज में भागीदारी हो।
वहीं इससे पहले कांग्रेस के पूर्व विधायकों और आम आदमी पार्टी के विधायक पंकज पुष्कर ने वर्तमान विधानसभा सत्र में भी दिल्ली की शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए है। पुष्कर का आरोप है कि सरकार ने उनके उठाए सवालों का समाधान ढ़ूढ़ना तो दूर, सुनना भी जरूरी नहीं समझा और मार्शल द्वारा उन्हें विधानसभा से बाहर निकाल दिया था।