अजमेर/पुष्कर। अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले का बुधवार को महापूर्णिमा के महास्नान और रंगारंग कार्यक्रमों के साथ समापन हो गया। महापूर्णिमा के महास्नान के लिए मंगलवार शाम से ही श्रद्धालुओं का रैला शुरू हो गया और घाटों पर डेरा जमा लिया।
रात्रि 12 बजते ही श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी पवित्रा सरोवर में लगाना शुरू कर दी। भारी भीड के चलते प्रशासन ने कस्बे में वनवे की व्यवस्था रखी। कस्बे सहित मेला क्षेत्रा में जनसैलाब ही नजर आ रहा था।
सरोवर के 52 घाटों के अलावा ब्रह्मा मन्दिर सहित कस्बे के बाजारों में श्रद्धालुओं का अपार रैला नजर आ रहा था। श्रद्धालुओं ने पवित्रा पुष्कर सरोवर में स्नान के बाद सरोवर की पूजाअर्चना कर जगत पिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन कर मेले का जमकर लुफ्त उठाया।
इसके अलावा मेला ग्राउंड में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी मुख्य अतिथि और अध्यक्षता महिला बाल विकास मंत्री अनीता भदेल की। अध्यक्षता में समापन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें राजस्थान के लोक कलाकारों ने एक से बढकर एक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समारोह में चार चांद लगा दिए।
समारोह में विधायक सुरेश सिंह रावत, पालिका अध्यक्ष कमल पाठक, जिला कलेक्टर आरुषि ए मलिक, एसपी नितिन दीप, जिला प्रमुख वन्दना नोगियां बोर्ड सचिव मेघना चौधरी, एडीएम किशोर कुमार मौजूद थे।
इस अवसर पर अनीता भदेल ने संबोधित करते हुए मेला अच्छी तरीके से आयोजित करने पर जिला प्रशासन को बधाई दी, आने वाले समय में पुष्कर मेले में स्थाई रूप से श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थली बने। मेला और अच्छी तरह से संपन्न हो, इसके लिए हम भरपूर प्रयास करेंगे।
मुख्यातिथि देवनानी ने कहा कि पुष्कर मेले में मिनी विव की झलक देखने को मिली। विधायक सुरेश सिंह रावत ने सभी विभागों और विशेष रूप से पालिका अध्यक्ष कमल पाठक और उनकी टीम को बधाई देते हुए आभार जताया।
उन्होंने कहा कि मेले में यदि किसी तरह की कोई कमी रही हो तो मैं उसके लिए क्षमा चाहता हूं। कार्यक्रम के अंत में मेले में हर क्षेत्रा में सहयोग प्रदान करने वाले लोगों का जिला प्रशासन की आेर से सम्मान किया गया।
रस्साकसी प्रतियोगिता में पहली बार पुरुष और महिला दोनों वर्गों में विदेशियों ने बाजी मारी। वहीं महास्नान के दौरान कई तरह की अव्यवस्थाएं भी देखने को मिली, जिससे लोगों का गुस्सा फूट पडा। आक्रोशित लोगों ने प्रशासन और पुलिस के विरुठ्ठ जमकर नारेबाजी कर अपने विरोध का इजहार किया।
वहीं अंतिम दिन घाटों और बाजारों में जेबकतरों और चोरों ने भी पुलिस की कार्य शैली की पोल खोल दी। पशु मेले का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए संयुक्त निदेशक वीरेंद्र गांधी ने बताया कि इस बार कुल 10 हजार 48 पशु आए और करीब 6 करोड की खरीद फरोख्त हुई ।